झांसी। एक बार फिर एनजीटी के आदेश पर लक्ष्मी तालाब के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने गई प्रशासनिक टीम को क्षेत्रवासियों सहित हिंदूवादी संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। हिंदू संगठनों ने कहा कि लक्ष्मी तालाब का जो अतिक्रमण दिखाया जा रहा है, वह काफ़ी प्राचीन समय से रानी झांसी के काल का है और इन मंदिरों को किसी भी हालात में नहीं टूटने दिया जाएगा।
बुधवार को एनजीटी के आदेश पर प्रशासनिक टीम भारी पुलिस बल के साथ लक्ष्मी तालाब के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने पहुंची। जैसे ही अधिकारियों की हलचल लक्ष्मी तालाब के आसपास होना शुरू हुई तो क्षेत्रवासियों को इसकी भनक लग गई साथ ही हिंदू संगठनों को भी सूचना मिल गई। सूचना पर राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अडजरिया अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच गए और अतिक्रमण के नाम पर तोड़े जाने वाले प्राचीन मंदिरों को तोड़ने का विरोध जताने लगे। वही क्षेत्रवासियों का भी जमावड़ा लग गया और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया।
राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अडजरिया ने सिटी मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव से वार्ता करते हुए कहा कि रानी झांसी के काल के बने प्राचीन मंदिरों को किसी भी स्थिति में टूटने नहीं दिया जाएगा, उनका संगठन पूरी झांसी की जनता को साथ लेकर संघर्ष करेगा तथा मंदिरों को तोड़ने के लिए एनजीटी पहुंचने वालों से भी उनकी याचिका वापस कराई जाएगी। अंचल ने लक्ष्मी तालाब की 78 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई कॉलोनीयों को तोड़कर तालाब का रकबा पूरा किये जाने की मांग की। अंचल ने कहा कि प्रशासन की मनमानी चलने नहीं दी जाएगी। भारी आक्रोश के चलते प्रशासनिक व पुलिस की टीमों को वापस लौटना पड़ा। इस दौरान राष्ट्रभक्त संगठन के अर्पित शर्मा, मनोज कुशवाहा, राहुल, दीपक, सुमित, संजय, शुभ रावत, विष्णु, ऋषभ, अनुज, नरेंद्र, यीशु, मनमोहन, प्रदुम, शोभित, आकाश, शुभम, अंकित, राहुल, रविंद्र आदि उपस्थित रहे।