झांसी। विशेष न्यायाधीश, (द०प्र०क्षे०अधि०) सुयश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत में लूट के उद्देश्य से घर में घुसकर तमंचे की दम पर धमकाने का आरोप सिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को सात -सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है।
विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा के अनुसार विगत २ दिसंबर २००८ को थाना चिरगाँव पर वादी राजीव अग्रवाल ने तहरीर देते हुए बताया था कि वह और उसका भाई अनुराग अग्रवाल ,पत्नी श्रीमती रेखा देवी घर पर मौजूद थे। समय करीब ढाई बजे दो व्यक्ति घर में चैनल गेट से अन्दर घुस आये और लूट करने के इरादे से अपने हाथ में लिये हुये तमन्चों से धमकाते हुये जेवर व रूपया देने को कहा इस पर उसकी पत्नी श्रीमती रेखा ने शोर मचा दिया तो बाजार के लोगों को आता देख बदमाश बाहर निकल कर गली में भागे। भाई अनुराग व बाजार के लोगों ने उन्हें दौड़ा लिया। दोनो बदमाशों को ठीक से पहचान लिया है व बाजार के लोगों ने भी देखा है ।
वादी की तहरीर के आधार पर अज्ञात बदमाशों के विरूद्ध धारा- ३८३ भा०द०सं० के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।
वहीं सूचना के आधार पर पुलिस मैन रोड पर पहुंची तो देखा कि कुछ लोग दो बदमाशों का पीछा करते हुए रामनगर तिराहा की तरफ जा रहे है जैसे ही पुलिस बल दौड़ कर रामनगर तिराहे से करीब पहुंचे और भाग रहे बदमाशों का ललकारा तो बदमाशों ने पुलिस वालों को जान से मारने की नीयत से तमंचों से फायरिंग शुरू कर दी , जिससे वह बाल बाल बच गये और बदमाशों का पीछा कर राम नगर तिराहे पर जनता के सहयोग से दोनों बदमाशों को पकड़ लिया ।
पूछताछ में एक ने अपना नाम मयंक सिंह चंदेल बताया जिसकी जामातलाशी में एक तमंचा देशी ३१५ वोर एवं तमंचे की नाल में फंसा एक खोखा कारतूस बरामद हुये ,दूसरे ने अपना नाम मंगल सिंह बताया तथा उसके कब्जे से भी एक तमंचा देशी ३१५ बोर तथा तमंचा की नाल में एक कारतूस खोखा फंसा हुआ ,एक कारतूस ३१५वोर जिन्दा बरामद किया गया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत धारा ३०७
भा०द०सं० व धारा- १२/१४ उ०प्र०डकैती एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां दोष सिद्ध अभियुक्त मयंक सिंह चन्देल, एवं मंगल सिंह कोरी को धारा ३९३ भा०द०सं० के अपराध में सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये के अर्थ दण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर ६ माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास , धारा १२ (बी) उ०प्र० (द०प्र०क्षे०) अधिनियम १९८३ में ०५ वर्ष के सश्रम कारावास एवं पाँच हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ३ माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास,धारा- २५ आयुध अधिनियम के अपराध में ०३ वर्ष के सश्रम कारावास एवं पाँच हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०३ माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई।