झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सं. 2 विजय कुमार वर्मा “प्रथम ” के न्यायालय में गैर इरादतन हत्या का दोष सिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) देवेन्द्र पांचाल ने बताया कि विगत 06 मार्च 2015 को होली पर्व पर वादी मुकदमा संतोष आदिवासी का पिता श्याम लाल करीब 12:30 बजे दोपहर घर से खाना खाकर खेत की रखवाली के लिए गया था शाम को जब पिता वापस नही लौटे और उनकी कोई जानकारी नहीं मिली । खोज की गयी तो उनका शव खेत की मेंड पर पड़ा मिला उनके शरीर पर चोट के निशान थे । सूचना पाकर थाना बड़ागांव पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा भरकर कार्यवाही करते हुए मौके से एक डण्डा बरामद किया था।घटना के दो चक्षुदर्शी साक्षी जिन्होने घटना को देखा था किंतु डर के कारण किसी को घटना के बारे में नही बताया था ।घटना के18 दिन बाद वादी मुकदमा को मौके के साक्षीगण ने पूरी घटना की जानकारी वादी को दी थी । जिसके आधार पर थाना बडागांव में 18 दिन बाद 24 मार्च 2015 को धारा 304 आईपीसी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 304 आईपीसी में आरोप पत्र दाखिल किया गया । न्यायालय में अभियोजन की ओर से प्रस्तुत गवाहो को विश्वसनीय मानते हुए अभियुक्तगण कालिका अहिरवार पुत्र भरोसा अहिरवार निवासी बावल टाडा थाना- बड़ागांव, सुरेश पुत्र मनीराम, निवासी ढीमर पुरा पूछं गढ़मऊ तालाब थाना बड़ागांव को धारा 304 भाग 2 आईपीसी के अपराध में दोष सिद्ध पाते हुए दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास और. 10000 रूपए जुर्माना ,अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई।