कार्यकारिणी की पहली बैठक में ही प्रस्ताव हुआ साफ, ठगे गए नगर के वाशिंदे 

झांसी। झांसी नगर निगम कार्यकारिणी की पहली बैठक कई मामलों में अनूठी रही। बैठक में चुनाव प्रचार में मेयर बिहारी लाल आर्य द्वारा पहली बैठक में किया गृहकर हाफ माफ़ करने का वायदा हवा में उड़ गया। इस पर प्रस्ताव रखना तो दूर चर्चा तक नहीं हुई। दूसरी तरफ, गृहकर वसूली पिछले साल से दो करोड़ ज्यादा होने का अनुमान जताया गया। ऐसे में जलकर में रियायत मिलने की आस लगाए शहरवासियों को बड़ा झटका लगा है और स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि झांसी नगर निगम चुनाव में भाजपा से मेयर पद के प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य द्वारा गृहकर हाफ करने का मुद्दा खूब गर्माया था। इसके कारण नगर के मतदाताओं ने बिहारी के पक्ष में जबरदस्त वोट दिया।  चुनाव में  बिहारी के मेयर बनने के बाद हर कोई कार्यकारिणी की पहली बैठक का इंतजार कर रहा था। सोमवार को हुई बैठक में शहरवासियों को आस थी कि कार्यकारिणी गृहकर हाफ करने का प्रस्ताव पास कर सकती है। इस बैठक में गृहकर हाफ करना तो दूर इस पर चर्चा तक नहीं हुई उल्टा इससे होने वाली सालाना वसूली का अनुमान दो करोड़ बढ़ा दिया गया। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में अंत तक गृह कर कम करने पर कोई चर्चा नहीं हुई। अब शहरवासी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

2.59 अरब के बजट को मंजूरी

कार्यकारिणी बैठक में 2.59 अरब के बजट को मंजूरी दी गई। इसमें सालाना निगम को होने वाली आय का अनुमान 2.13 अरब जताया गया। नगर निगम के पिछले वित्तीय वर्ष का 1.66 अरब अवशेष है। ऐसे में आय-व्यय को मिलाकर इस बार भी 1.20 अरब बचत होने का अनुमान जताया गया।

सिकमी दुकानदारों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पास
बैठक में कार्यकारिणी सदस्य महेश गौतम ने सिकमी दुकानदारों द्वारा नगर निगम को कम किराया देने का मामला उठाते हुए बताया कि पिछली बैठक में डीएम सर्किल रेट से किराया वसूली का प्रस्ताव पास हो चुका है। मेयर ने अधिकारियों से जानकारी की तो पता चला कि सिकमी दुकानदारों से नगर निगम को 300 से 350 रुपये किराया मिल रहा है। जबकि, तहसील स्थित नई दुकानों से चार हजार से 5500 रुपये किराया आ रहा है। बैठक में किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ।

कंपनी से वापस लिया जाए 30 फीसदी भुगतान
कार्यकारिणी सदस्य आशीष रायकवार ने सवाल किया कि जब ईईएसएल कंपनी के कर्मचारी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत का काम नहीं कर रहे हैं तो फिर कंपनी को भुगतान क्यों किया जा रहा है। मेयर ने अधिकारियों से जवाब मांगा तो पता चला कि कंपनी को 30 फीसदी भुगतान किया गया है। इस पर आशीष ने भुगतान वापस लेने और भविष्य में कोई भी भुगतान न किया जाने की मांग की।

निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार भी गूंजा
कार्यकारिणी सदस्य कामेश अहिरवार ने निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का मामला जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के काम गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहे हैं। लहरगिर्द में नाला के निर्माण में तली पर सरिया का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नाले की ऊंचाई भी दो मीटर से घटाकर आधी कर दी गई है। कहा कि चुनाव से पहले जब बोर्ड भंग हुआ तो कई काम कोटेशन पर करा लिए गए। जबकि, पार्षद पांच सालों तक काम कराने की मांग करते रहे तो टेंडर नहीं निकाला गया। मेयर ने कोटेशन से कराए गए कामों का रिकॉर्ड तलब कर लिया है।

इसके अलावा उपसभापति सुशीला दुबे ने कहा कि नालों की सही सफाई नहीं हो रही। बिना पार्षद से पूछे भुगतान न हो।
– सदस्य प्रियंका साहू ने कहा कि हर वार्ड में तीन हैंडपंप लगवाए जाएं। मेयर ने इसकी मंजूरी दे दी।
– नरेंद्र नामदेव ने गरिया फाटक से गरिया गांव तक सड़क का चौड़ीकरण करने की मांग की।

बैठक में कार्यकारिणी सदस्य विकास खत्री, आशीष चौकसे, मयंक श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार, रमा कुशवाहा, अमित राय ने भी कई मांगें रखीं। बैठक में मेयर ने कहा कि सामुदायिक भवन अथवा बरात घर और बाजारों में पिंक टॉयलेट बनाए जाएं। नगर आयुक्त पुलकित गर्ग ने बताया कि नाला सफाई के काम की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। उन्होंने अधीनस्थों को तीन दिन में सभी वार्ड में बीट सफाई कर्मचारियों का नाम, नंबर के बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर नगर आयुक्त मो. कमर, सहायक नगर आयुक्त गौरव कुमार मौजूद रहे।

सदन की बैठक में गृह कर के मुद्दे पर होगी चर्चा
मेयर बिहारी लाल आर्य ने बताया कि 23 जून को होने वाली सदन की बैठक में गृहकर कम करने को लेकर सभी पार्षदों से चर्चा कर सुझाव लेंगे। इसके बाद अगली बोर्ड बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। सौ-प्रतिशत गृहकर कम किया जाएगा।