ठगी का गोरखधंधा दिल्ली, नोएडा, कोलकाता, गुरुग्राम से होता है ऑपरेट

झांसी। जिले की मऊरानीपुर पुलिस ने विदेशियों से धोखाधड़ी कर लाखों की ठगी करने वाले 4 इंटरनेशनल साइबर क्रिमिनल्स को दबोच लिया। गुरसराय के चारों युवक पिछले दो साल से विदेशियों से ठगी कर एक हजार से अधिक को अपना शिकार बना चुके हैं। क्रिमिनल्स शिकार विदेशियों से डॉलर में भुगतान वसूलते थे। पुलिस ने छापा मारकर चारों युवकों को पकड़ कर उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और कार बरामद कर ली। यह क्रिमिनल्स विदेशियों से अब तब करीब पचास लाख रुपये की वह ठगी कर चुके हैं।
बताया गया है कि गुरसराय के गांधीनगर मोहल्ला निवासी करन सिंह (33), लखपत (28), अजय कुमार (24) एवं बॉबी (23) पहले दिल्ली में काम करते थे। यहां से इन लोगों ने साइबर ठगी के गुर सीखे। इसके बाद चारों दोस्त झांसी के मऊरानीपुर मेंं किराया का मकान लेकर ठगी के गोरखधंधे को अंजाम देने लगे। जब चारों पकड़े गए तो पूछताछ में उन्होंने पुलिस को बताया कि एक साइट हैक करके अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपियन देश के लोगों का डाटा उन्होंने हासिल कर लिया था। इसके बाद साइबर एक्सपर्ट की मदद से एक एप तैयार कराया। इसके माध्यम से खुद को नोर्टन एंटी वायरस नामक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर विदेशियों से संपर्क करने लगे।

योजना के तहत वह अमेरिकन और यूरोपियन लोगों को बल्क में मेल और मेसेज भेजते थे। बेहद कम दाम में एंटी वायरस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ऑर्डर हासिल कर लेते थे। जाल में फंसने वाले लोग उनको डाॅलर में भुगतान कर देते थे। ऑर्डर मिलने के बाद वह लोग फेक एंटी वायरस लिंक थमा देते थे। पिछले करीब दो साल से यह लोग ठगी कर रहे थे। ठगी का पूरा पैसा दिल्ली की एक बैंक के खाते में जमा किया जाता था। यहां से डॉलर को रुपये में बदलकर सभी के पास पैसा भेजा जाता था। इससे चारों को मोटी कमाई होती थी लेकिन, कुछ दिन पहले इसकी पोल इनके किसी साथी ने पुलिस को खोल दी।

इस सूचना पर मऊरानीपुर इंस्पेक्टर तुलसी राम पांडेय के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रविवार देर रात मऊरानीपुर स्थित उस घर में छापा मारकर चारों को पकड़ लिया जहां से साइबर क्राइम संचालित किया जा रहा था। पूछताछ में पुलिस को मालूम चला कि फर्जीवाड़े का पूरा खेल दिल्ली, नोएडा, कोलकता एवं गुरुग्राम से ऑपरेट होता है। पुलिस के हत्थे चढ़े युवकों ने बताया कि पूरे गिरोह का मास्टर माइंड दिल्ली में है। यह लोग बेहद शातिर हैं। पुलिस की पकड़ में आने से बचने के लिए ही सिर्फ विदेशियों को ही निशाना बनाते थे। डॉलर में भुगतान होने की वजह से यह लोग न्यूनतम शुल्क रखते थे। इसमें फर्जीवाड़ा होने पर विदेशी कहीं शिकायत भी नहीं करते थे। इस तरह इनका काम लगातार चल रहा था।

अपर पुलिस अधीक्षक देहात ने बताया कि चारों बेहद शातिर जालसाज हैं। पिछले दो साल के दौरान वह लोग करीब पचास लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। चारों लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन थे। इससे मिले पैसों से वह अपने शौक पूरे करते थे। नई गाड़ी खरीदने के साथ ही अक्सर घूमने भी चले जाते थे। चारों एक साथ कमरे में रहकर फर्जीवाड़ा करते थे जबकि मोहल्ला में उन्होंने खुद को सर्वे करने वाला बताया था। पुलिस ने चारों को जेल भेज दिया गया है।