फिर अवैध वेंडर्स पर अंकुश नहीं लग पाने की पोल खुली
झांसी। उमरे के झांसी मंडल में ट्रेन में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को उदयपुर-खजुराहो इंटरसिटी में यात्रा कर रही महिला के बैग से लगभग साढ़े चार लाख रुपये कीमत के सोने के आभूषण उड़ा दिए गए और रेलवे सुरक्षा के दावे कर रही है।
टीकमगढ़ की तहसील बम्होरी के ग्राम जरया निवासी संध्या गौर पत्नी विश्वजीत सिंह गौर परिवार के सदस्यों के साथ ग्वालियर में रिश्तेदारी में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होकर शुक्रवार को 19666 उदयपुर-खजुराहो इंटरसिटी के एस-3 कोच में सवार होकर झांसी की ओर वापस लौट रहीं थीं। उन्होंने यात्रा के दौरान सुरक्षा की अपने लगभग सात तोले से अधिक वजन के सोने के आभूषणों में हार, मंगलसूत्र, बेंदी व बाजूबंद अपने हैंडबैग में एक डिब्बी में रख दिए थे। ग्वालियर से गाड़ी के डबरा पहुंचने पर उन्होंने कुछ सामान निकालने के लिए हैंडबैग खोला तो उसमें से आभूषण वाली डिब्बी गायब थी। इसकी जानकारी उन्होंने परिजनों को दी। सभी ने कोच में खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चला।
घटना की सूचना कंट्रोल रूम को दी गई। इस पर गाड़ी के झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पर पहुंचने पर आरपीएफ मौके पर पहुंच गई। आरपीएफ की टीम ने घटना के संबंध में जानकारी लेकर बदमाशों की तलाश की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। बताया कि स्लीपर कोच होने के बाद भी गाड़ी में भारी भीड़ थी और अवैध वेंडर्स पेठा आदि बेचते घूम रहे थे। इसी दौरान किसी ने उनके आभूषण चोरी कर लिए।
ग्वालियर-झांसी के बीच कई गहने चोरी हो चुकी घटनाएं
लचर सुरक्षा व्यवस्था व अवैध वेंडर्स की भरमार के चलते ग्वालियर से झांसी के बीच ट्रेनों में कई चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। खासतौर पर महिलाएं बदमाशों के निशाने पर हैं। हाल ही में गीता जयंती एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रहीं नोएडा निवासी अवधेश मिश्रा की पत्नी नेहा के पर्स से चोरों ने सात लाख रुपये के जेवर पार कर लिए थे। एक अन्य घटना में पठानकोट एक्सप्रेस व वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस में 20 लाख रुपये के गहने और नकदी चोरी हो गई थी। फरवरी में ग्वालियर से झांसी की ओर आ रहीं कानपुर निवासी दिव्या गुप्ता के पर्स से चोर ढाई लाख रुपये के जेवर चोरी कर ले गए थे। इसके अलावा मार्च माह में चंबल एक्सप्रेस में यात्रा कर रही महिला के बैग से बदमाशों ने दो लाख रुपये के जेवर पार कर लिए थे। हालांकि, इनमें से अब तक रेलवे पुलिस किसी भी घटना का खुलासा नहीं कर पाई है। अवैध पेठा व खानपान वेंडरों पर अंकुश नहीं लग पाने से संदिग्ध गतिविधियां जारी हैं।










