– काम दिलाने के बहाने अपहृत 2 नाबालिग बहनों को दो लाख में बेचा, एक बच निकली

– आरोपी महिला समेत दो किशोरियों की तलाश जारी, मऊरानीपुर में होने की संभावना 

झांसी। उड़ीसा से काम दिलाने के बहाने अपहृत कर लाई गई तीन नाबालिग बहनों में से दो को 5 माह पूर्व झांसी में एक एक लाख रुपए में अपहरणकर्ता महिला ने बेच दिया जबकि, तीसरी किशोरी एक सप्ताह पूर्व किसी तरह महिला के चंगुल से बच निकल कर पुलिस के पास पहुंची तब उड़ीसा की लड़कियों की खरीद फरोख्त का गोरखधंधा उजागर हो गया। पुलिस आरोपी महिला समेत दोनों किशोरियों की तलाश कर रही है। किशोरियों के मऊरानीपुर में होने की संभावना है। सूचना मिल जाने से किशोरियों व महिला पकड़ी नहीं जा सकी है।
बताया गया है कि उडीसा के जिला सुंदरगढ़ की दो सगी व उनकी एक चचेरी बहन को एक महिला दिसंबर माह में काम दिलाने का झांसा देकर अपहृत कर झांसी ले आई थी। सूत्रों की मानें तो आरोपी महिला झांसी के बबीना थाना अंतर्गत एक गांव में रहती है और उड़ीसा में अपने सम्पर्कियों के माध्यम से गरीब परिवार की लड़कियों को काम दिलाने के बहाने लाकर झांसी व निकटवर्ती जिलों में विवाह करवा कर ठिकाने लगा कर नरक में झोंक देती है। इन तीनों नाबालिग बहनों को महिला ट्रेन से झांसी लेकर आई थी। चंगुल से मुक्त हुई लड़की ने पुलिस को बताया कि झांसी स्टेेशन पर महिला का पति उन्हें लेने पहुंच गया और सभी को बबीना के एक गांव में स्थित अपने घर ले गया। यहां लाकर नाबालिगों को कोई काम नहीं दिलाया गया, बल्कि उन पर शादी का दबाव बनाया जाने लगा। लड़कियां जब राजी नहीं हुईं तो उनके साथ मारपीट की जाने लगी। इसी बीच महिला ने दबाव में लेकर दो बहनों को एक-एक लाख रुपये में दो लोगों को बेच दिया।

लगभग एक सप्ताह पहले महिला के पास रह रही एक लड़की किसी तरह बचकर पुलिस चाइल्ड लाइन के पास पहुंच गई। चाइल्ड लाइन ने नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। यहां नाबालिग ने अपनी बहनों व स्वयं के साथ घटित घटनाक्रम की जानकारी दी तो सभी हतप्रभ रह गए। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष राजीव शर्मा के निर्देश पर ने उक्त नाबालिग को वन स्टॉप सेंटर भेज गया है। उसकी दोनों बहनों और आरोपी महिला की तलाश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो दोनों बहनों के मऊरानीपुर में होने का सुराग भी मिल गया है। इनकी बरामदगी के लिए पुलिस की मदद ली जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि झांसी व आसपास के जिलों में उड़ीसा के गरीब परिवार की लड़कियों, युवतियों की खरीद फरोख्त का गोरखधंधा जारी है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में गिरोह सक्रिय है। लड़कियों व अपहरणकर्ता महिला के पकड़े जाने पर यदि गंभीरता से जांच पड़ताल की गई तो बड़े स्तर पर गोरखधंधा उजागर हो सकता है। पूर्व में भी इस तरह के मामले उजागर हो चुके हैं।