कन्या के चरणों में होता है देवताओं का वास- समाजसेवी डॉ० संदीप
झांसी। रामराजा सरकार की नगरी ओरछा स्थित कुंवर हरदौल लाला की समाधि प्रांगण में 11000 कन्या पूजन, व भंडारा का इतिहास रच गया। यह यादगार आयोजन मिस झांसी वेलफेयर सोसायटी एवं संघर्ष सेवा समिति के तत्वाधान में झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया।
सर्वप्रथम संस्था के सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर, डॉ. संदीप सरावगी ने गुरु राम प्रकाश दास (व्रंदावनधाम) से शुभाशीष प्राप्त किया। तत्पश्चात समाजसेवी डॉ संदीप एवं सोसाइटी के सदस्यों द्वारा कन्याओं के पैर पखारे गये। यह आयोजन लाला हरदौल की समाधि पर कई वर्षों से आयोजित किया जा रहा है इस वर्ष सोसाइटी ने 11000 कन्याओं के पूजन का लक्ष्य रखा। कन्या भोज एवं पूजन के अतिरिक्त कार्यक्रम में भजन और रात्रि में गोट गायन का भी आयोजन किया गया। यह कन्या भोज अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है।
गौरतलब है कि इसके पूर्व मध्य प्रदेश के अमरकंटक में 2100 कन्याओं का पूजन एवं भोज का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में लगभग 15000 से 20000 लोगों ने भंडारे के रूप में भोजन प्रसादी भी ग्रहण की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर संदीप सरावगी ने राजा राम की नगरी ओरछा के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि इस धर्म नगरी में कन्या पूजन का यह आयोजन अतुलनीय है, कन्याओं के चरणों में देवताओं का वास होता है किसी कन्या के पैर पखारना पूजा-पाठ और अन्य अनुष्ठानों से बढ़कर है। उन्होंने कहा कि संस्था संघर्ष सेवा समिति महिला सशक्तिकरण पर विशेष रुप से कार्य कर रही है हमारा उद्देश्य है किसी भी अभाव में किसी महिला की प्रतिभा का हनन ना हो सके।
मिस झाँसी वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष एडवोकेट जयंती कुशवाहा ने कहा हमारी संस्था पिछले कई वर्षों से कन्या पूजन एवं भोज का आयोजन करती आ रही है। इस बार 11000 कन्याओं का भोज कर कीर्तिमान स्थापित करना चाहते हैं जिसके लिए 151 गांवों से कन्याओं एवं श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। बुंदेलखंड व आसपास के क्षेत्रों में लाला हरदौल को विशेष महत्व दिया जाता है। आज भी विवाह का पहला कार्ड लाला हरदौल की समाधि पर ही आमंत्रण के रूप में अर्पित किया जाता है ऐसा माना जाता है लाला हरदौल आमंत्रण स्वीकार कर विवाह समारोह को विधिवत संपन्न कराने हेतु स्वयं उपस्थित होते हैं। इस अवसर पर
मोहिनी कुशवाहा, राधा सिंह, कविता कुशवाहा, कीर्ति मौर्या, प्रवीण, शिरनाम पाल, श्रीप्रसाद कुशवाहा, गुलाब राजपूत, जगदीश कुशवाहा, सुरेश भगत, उदय राज राजपूत, प्रकाश प्रधान (सिमथरी), कल्याण सिंह कुशवाहा, महेश यादव (लरायटा), ठेकेदार यादव, कृष्णा कुशवाहा, अरुण यादव, मुहर सिंह, रामू गुर्जर एवं संघर्ष सेवा समिति से बसंत गुप्ता, राजू सेन, राकेश अहिरवार, संदीप नामदेव, निखिल नगरिया, नीरज सिहोतिये (सभासद, कैंट), त्रिलोक कटारिया, राजीव कुमार रजक, प्रमेंद्र सिंह सरकार, चो. करन सिंह, लखन गौतम, सलमान खान, अवधेश सिंह चौहान, राहुल अहिरवार (सभासद) अनंत राम, शैलेंद्र राय, नीलू रायकवार, पूर्वी कश्यप सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।











