मामला मीडिया में पहुंचने पर सुरक्षा मशीनरी बदहवास पीड़िता व भाई को समझाने में जुटी 

झांसी स्टेशन पर सीसी टीवी में कैद है वास्तविक दास्तां, उच्च स्तरीय जांच जरूरी 

झांसी। बुधवार सुबह लगभग 7 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर लिफ्ट के निकट लगभग 13 वर्षीय लड़की को बदहवास हालत में पड़ा देखा। उसके पास बैठा लगभग 7- 8 वर्षीय भाई भी रो रहा था। लड़की के कमर के नीचे के हिस्से से खून निकल रहा था। यह देख कर यात्रियों ने आन ड्यूटी डिप्टी एसएस को इसकी सूचना दी।

सूचना मिलने पर डिप्टी एसएस ने रेलवे अस्पताल से चिकित्सक को बुला लिया। इसके बाद लड़की व उसके अबोध भाई को डिप्टी एसएस कार्यालय लाया गया। यहां लड़की व उसके भाई से पूछताछ की गई, किंतु वह इतने दहशत में थे की कुछ भी बताने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। हालत देख कर भाई बहन को खाने के लिए बिस्कुट दिए गए और प्यार पुचकार कर विश्वास में लेकर जो पूछताछ की। उन्होंने जो बताया वह अकल्पनीय था। जिसने भी सुना वह सिहर उठा। सूचना मिलने पर वहां जीआरपी व आरपीएफ वहां पहुंच गई। जब मामला पता चला तो होश उड़ गए।

जीआरपी सीओ नईम मंसूरी ने मीडिया को बताया कि उन्नाव की नावालिग के साथ जो भी हुआ उसकी जांच की जा रही है, मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार है। उन्नाव से अबोध भाई व बहन झांसी कैसे पहुंचे, उन्हें कौन और कैसे लाया गया, खून की दास्तां में इन व स्थानीय किरदारों का क्या रोल है के बारे में भी जांच पड़ताल जरूरी है। इसके इतर अबोध पीड़िता व भाई द्वारा डिप्टी एसएस व चिकित्सक, रेल कर्मियों आदि के सामने रात में घटित घटना की मासूमियत से जानकारी दी थी। बताए अनुसार मौका देखा गया तो झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर स्वचालित सीढ़ी से जुड़ने वाले फुट ओवर ब्रिज के नीचे के ट्रेन मैनेजर (गार्ड) के ड्यूटी बाक्स के पास खाली स्थान पर पड़ा खून कुछ दर्दनाक दास्तां बताने की कोशिश कर रहा था। फुट ओवर ब्रिज पर लिफ्ट के निकट बड़ी मात्रा में खून जमा था। सभी ने जगह जगह खून की दास्तां को समझा पर सुरक्षा मशीनरी ने इस पर तब्वज्जो नहीं दिया और न ही साक्ष्य जुटाने की कोशिश की गई।

झांसी स्टेशन पर सीसी टीवी में कैद है वास्तविक दास्तां बात करें स्टेशन पर तीसरी आंख की तो यदि वास्तव में वह सही हैं तो रात के अंधेरे से लेकर सुबह की पोल फटने तक की दास्तां अर्थात अबोध भाई बहन झांसी स्टेशन पर किस समय, कहां से कैसे, किसके साथ आए, कहां कहां गए, किस तरह से, किसके साथ प्लेटफार्म नंबर 2/3 से फुट ओवर ब्रिज पहुंचे और लिफ्ट के निकट बदहवास चलने से लाचार लड़की पसर गई। फिर वहां से डिप्टी एसएस कार्यालय तक कैसे, किसके साथ पहुंची। वहां किस चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार दिया, बिस्कुट किसने खिलाई, वहां उसने क्या दास्तां बताई, जीआरपी व आरपीएफ स्टाफ उसे किस हाल में लेकर गया आदि आदि फुटेज में मिल जाएंगे। यदि हमेशा की तरह वहां के कैमरे खराब व दिशा हीन हैं तो फिर जो सुरक्षा एजेंसियां बताऐं वही सत्य माना जाएगा।

अबोध भाई बहन को समझा कर दास्तां को मोड़ देने की कोशिश  घटना के बाद ही हरकत में आई आरपीएफ और जीआरपी सीसीटीवी कैमरे खंगालने में लगी है साथ ही बालिका के भाई को मीडिया से दूर रखा गया है। पूरे दिन जीआरपी बालिका को और आरपीएफ बालक को समझाने में जुटे रहे ताकि दास्तां को मोड़ दिया जा सके। इसके चलते मीडिया से दूरी बनाए रखी गई। फिलहाल सभी को वास्तविकता का इंतजार है। देखते है कहानी को क्या मोड़ दिया जाता है। अपडेट जारी है…..