झांसी । किशोरी के अपहरण व बलात्कार के मामले में आरोपी का जमानत प्रार्थनापत्र विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), अंजना की अदालत में निरस्त कर दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा के अनुसार सूचनाकर्ती ने थाना प्रेमनगर में नरेश परिहार के विरुद्ध 16 अगस्त 2022 को रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 23 जुलाई 2022 को समय करीब 05.00 बजे शाम को वादिया की पुत्री (पीडिता) उम्र करीब 15 वर्ष को नरेश परिहार पुत्र भगवानदास उर्फ करोड़ी बहला-फुसलाकर भगा ले गया है ।वह अपनी पुत्री को तलाशती खोजतीे रही, परन्तु अभी तक कोई पता नहीं चल सका। उक्त मामले में जिला कारागार में बंद आरोपी नरेश परिहार पुत्र भगवान दास उर्फ करोडी, निवासी बिजौली की ओर से धारा 363, 366,376 भा०द०सं० व धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में थाना-प्रेमनगर में दर्ज मामले में प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र में बताया कि
उसको उक्त प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। उसका कथित घटना से कोई सरोकार नहीं है। वह व पीड़िता एक-दूसरे से प्रेम करते हैं व अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ गये थे । मंदिर में भगवान को साक्षी मानकर
विवाह कर लिया था व बतौर पति-पत्नी एक साथ मोहम्मदपुर (हरियाणा) में निवास कर रहे थे। उसको इस बात की जानकारी नहीं थी कि पीड़िता नाबालिग है। वह 29 जून 2023 से जिला कारागार में निरुद्ध है। उसको जमानत पर रिहा किया जाये। वहीं विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि पीड़िता के साथ बलात्कार गम्भीर प्रकृति का अपराध है, लिहाजा अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए।नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने में नाबालिग की स्वीकृति महत्वहीन तथा अपराध गम्भीर प्रकृति का मानते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त नरेश परिहार का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया।