शिकायत की कमेटी करेगी जांच, होगी नियमानुसार कार्रवाई – जीएम जल संस्थान

झांसी। सरकारी पाइप लाइन से चोरी छिपे अवैध कनेक्शन लेकर पानी की चोरी कर आवासीय कालोनी में आपूर्ति के मामले की शिकायत पर जांच पड़ताल कर विराम लगा दिया गया है। अब इस मामले की जांच एक टीम द्वारा करवा कर दूध कि दूध और पानी का पानी किया जाएगा।

दरअसल, शिकायत की गई थी कि ग्रासलैंड को जाने वाली भूमि गत पाइप-लाइन जिससे कि 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जाती है, उस लाइन से मिशन गेट के पास अवैध कनेक्शन जोड़ कर एक कालोनी में पानी की सप्लाई की जा रही है। यह शिकायत आइ.जी.आर.एस. पर भी दर्ज कराई गई। जिस पर जल संस्थान के जांच अधिकारी अजय यादव जूनियर इंजीनियर द्वारा कॉलोनी के निर्माता से पूछताछ की। इस मामले में निर्माता द्वारा जांच अधिकारी को लिखित रूप से अवगत करा दिया गया कि उक्त लाइन का उनके द्वारा कोई व्यक्तिगत एवं न ही व्यापारिक उपयोग किया जाता है। साथ में यह भी बताया कि उनका उक्त लाइन से कोई संबंध नहीं है। इस आधार पर जांच पूरी कर जांच अधिकारी द्वारा जांच को बंद कर दिया गया ।
इस मामले में गौर करने वाली बात है कि भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पानी का बिल अधिक मात्रा में आ रहा था, किंतु जब इसकी शिकायत की गई तो जल संस्थान द्वारा भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान केंद्र में एक सब मीटर लगाने की व्यवस्था कर दी गई जिसके उपरांत पानी का बिल काफी मात्रा में कम हो गया। इससे ऐसा ही प्रतीत होता है कि शायद उक्त पाइप लाइन से कहीं बीच में ही अवैध संयोजन लेकर पानी को अन्य स्थानों पर इस्तेमाल किया जा रहा है जिसका बिल अनुसंधान संस्थान को भरना पड़ रहा था।
वहीं दूसरी ओर रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय क़ृषि विश्वविद्यालय द्वारा जब उक्त अन्य पाइप लाइन जोड़ कर कनेक्शन मांगने पर जल संस्थान द्वारा यह कहकर मना कर दिया गया था कि किसी की भी निजी पाइप लाइन से जोड़कर पानी का कनेक्शन देना जल संस्थान के नियम के विरुद्ध है।

इस मामले में जल संस्थान महाप्रबंधक मनोज आर्य ने मीडिया को बताया कि भूमिगत पाइप लाइन से अवैध कनेक्शन ले कर पानी को प्राइवेट कॉलोनी के निवासियों को दिये जाने की शिकायत की जांच एक कमेटी गठित कर कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर जल संस्थान का कोई जिम्मेदार शामिल होगा तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।