लापरवाही: 600 किमी तक शव के साथ दहशत में यात्रा की, झांसी में भी नहीं मिली राहत 

झांसी। दुर्ग से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के सेकेंड एसी कोच में सागर से जिंदगियों के बीच दहशत फैला रही लाश का सफर झांसी में भी नहीं थमा, हजरत निजामुद्दीन तक बदस्तूर जारी रहा। रेल प्रशासन की लापरवाही के चलते लाश झांसी स्टेशन पर नहीं उतारी जा सकी।

दरअसल, शनिवार रात को गाड़ी संख्या 12823 छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति के सेकेंड एसी एचए वन कोच में वदरुद्दीन (60) निवासी टप्पल अलीगढ़ अपने परिजनों के साथ रायगढ़ से हजरत निजामुद्दीन की ओर यात्रा कर रहे थे। ट्रेन के रात 1:37 बजे सागर से निकलने के बाद यात्री की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने रेलवे स्टाफ को सूचना दी। इसके बाद कंट्रोल रूम के जरिये रेलवे स्टेशन पर सूचना दी गई। ट्रेन के रविवार सुबह 4:40 बजे झांसी स्टेशन पहुंचने पर डिप्टी एसएस एसके नरवरिया, डॉ. सृष्टि और जीआरपी-आरपीएफ स्टाफ बताए गए कोच में यात्री के पास पहुंचे।

जांच के दौरान पता चला कि यात्री की मौत हो चुकी है।इसके बाद रेलवे अफसरों ने यात्री के परिजनों से शव को उतारने के लिए कहा, लेकिन परिजनों ने इन्कार कर दिया। इससे यात्री दहशत में आ गये क्योंकि जीआरपी व आरपीएफ स्टाफ ने कोच से शव को उतारने के लिए खास मशक्कत नहीं की और न ही डिप्टी एस एस ने शव को उतारे बिना ट्रेन को रोकने की सूचना दी। इसके बाद ट्रेन हजरत निजामुद्दीन के लिए रवाना हो गई।

इस स्थिति पर दहशतज़दा यात्रियों ने कोच में शव होने की शिकायत अफसरों से की। इस पर शव को सागर से 600 किमी दूर हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर उतारा गया। यात्रियों का कहना है कि 600 किमी तक लाश के यात्रा करने जैसी लापरवाही के दोषियों डिप्टी एसएस आदि पर कार्रवाई होना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो।