झांसी। यह खबर सकरार के आदिवासी परिवारों के लिए खुशियां लेकर आई है। जिला प्रशासन जांच कराता रहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के फोन से 70 बंधक मजदूर कर्नाटक में हो गये मुक्त और झांसी जिला प्रशासन जांच कराने का आश्वासन देता रहा जबकि सत्ता दल के नेताओं ने तो इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस त्वरित एक्शन के लिए प्रदीप जैन और उनकी टीम बधाई की पात्र है।

गौरतलब है कि झांसी के थाना क्षेत्र सकरार क्षेत्र के रौतयाना मोहल्ले के आदिवासी समाज के करीब 70 लोग जिसमे महिलाएं, युवक, बच्चे, बूढ़े और नवजात भी शामिल हैं को महाराष्ट्र से आए दो ठेकदार पप्पू विषय और अतुल विषय के द्वारा 400 रू की दिहाड़ी पर मजदूरी का लालच देकर एक ट्रक के द्वारा महाराष्ट्र ले जाया गया जहां पर मनमाफिक मजदूरी करवा के पिछले महीने की 20 तारीख को कर्नाटक ले जाया गया जहां पर हुकेरी गांव के पास एक गन्ने के खेत में बने बाड़े में ले जाकर बंधक बना लिया गया ।
पूरे मामले की जानकारी तब हुई जब दीपावली के पर्व पर आदिवासी समाज के लोगों ने अपने घरों में दिवाली नहीं मनाई और न ही दिवाली की पूजा की तब गांव के ही निवासी जीडी राजपूत और कुछ लोगों ने उनसे कारण जानना चाहा तो वह लोग फूट फुट कर रोने लगे और अपनी आप बीती बताई। जानकारी करने पर कर्नाटक में बंधक बने लोगों में से भाग कर आए दो मजदूरों ने बताया की उनके साथ काम करने गए सभी मजदूरों को ठेकेदार ने कर्नाटक में बंधक बना लिया गया है और वहां पर सभी के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है न तो वहां खाना दिया जा रहा है और न ही वहां से निकलने दिया जाता है अगर कोई घर जाने की बात कहता है तो उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की जाती है और जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है।

इसकी जानकारी मिलने पर गांव के जीडी राजपूत उन सभी आदिवासी मजदूरों के परिवार जन को थाना सकरार लेकर गए लेकिन बताया गया की वहां पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और न ही इस मामले की कोई रिपोर्ट दर्ज की गई। जिसके बाद सभी लोग मदद की आशा लगाए झांसी जिलाधिकारी अविनाश कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस की चौखट पर पहुंचे और वहां पर उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देकर इस पूरे मामले से अवगत कराया, किंतु वहां से जांच कराने का झुनझुना थमा दिया गया।
वहीं जब इस पूरे मामले की जानकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को हुई तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए झांसी प्रशासन को इस मामले से अवगत कराया और साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार के पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर वहां के एमएलए से इस मामले में मदद मांगी। इसके साथ ही वीडियो कॉल के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा मजदूर परिवारों के सामने कर्नाटक के एसपी भीमाशंकर से बात की तब उन्होंने आश्वाशन दिया और मजदूरों को जल्द रिहा करवाने की बात की।

इसके बाद एक्शन में आई कर्नाटक सरकार ने शनिवार की शाम को दविश देकर बंधक बने हुए सभी महिलाओं, पुरुषो सहित सभी को ठेकेदार को कैद से रिहा करवाया । साथ ही रिहा करवाने के बाद उन सभी मजदूरों के खाने पीने का प्रबंध की किया गया।
झांसी में जब सभी बंधक मजदूरों के रिहा होने की खबर कस्बा सकरार के आदिवासी समुदाय और उनके परिवार को हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के त्वरित व कारगर प्रयासों की सराहना करते हुए दुआएं दी और कर्नाटक सरकार का भी धन्यवाद दिया। इस कार्यवाही ने प्रशासन व सत्ता दल के नेताओं को आइना दिखाया है।