सरकारी कर्मचारियों पर फर्जीवाड़ा कराने का आरोप, जांच का आश्वासन

झांसी। जिला मुख्यालय पर आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सनसनी फ़ैल गई और आयोजकों पर सवाल खड़े हो गए। सरकारी कर्मचारियों ने शादी के लिए मिलने वाली धनराशि हड़पने के लिए एक लड़की की शादी उसके जीजा से करवा दी। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर जांच की बात कही जा रही है।

दरअसल, मंगलवार को झांसी में राजकीय पालीटेक्निक कालेज के मैदान में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हो रहा था। सम्मेलन में 132 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई। जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से वर और वधु पहुंचे। सम्मेलन में सभी की शादी हुई और जन प्रतिनिधियों ने जोड़ों को आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान समारोह स्थल पर उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक बधु ने सिंदूर पोंछ लिया। इस संदिग्ध संदिग्ध जोड़ा से अलग-अलग जानकारी ली तो फर्जीवाड़ा उजागर हो गया।

दरअसल, झांसी के बामौर निवासी ख़ुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी और झांसी में सामूहिक विवाह समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन 36 नंबर पर था। ख़ुशी ने फेरे लेने के बाद मांग से सिंदूर व बिंदी पोंछ डाली। इस पर चर्चा का बाजार गर्म हो गया। कथित दूल्हे बृषभान से ज़ब पूछताछ की गयी तो उसने कबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है और वह छतरपुर नहीं बल्कि बामौर का रहने वाला है। उसने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ कर्मचारियों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया। उसने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और ख़ुशी का रिश्ते में जीजा लगता है।
सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ऐसा खेला किया गया था। इस खेल में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल बताये गये हैं। इस मामले में जब समाज कल्याण अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। फिर भी इसकी जांच कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड मिलाकर हम लोग सामान बांटते है। ब्लॉक से जो सूची आती है उसी के आधार पर हम लोग शादी कराते हैं। यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्यवाही कराई जाएगी।