झांसी (बुन्देलखण्ड)। केन्द्रीय मंत्री उमा भारती आज प्रात: अचानक लाव-लश्कर के साथ पहुज नदी पहुंचीं तो गंदगी से पटी पड़ी जलधारा को देख कर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उन्होंने कहा नदी का दुखद अध्याय देखने को मिला है। नगर निगम के नगर आयुक्त प्रताप सिंह व जेडीए सचिव त्रिभुवन विश्वकर्मा को तलब कर सवालों की झड़ी लगा दी और दोनों को संयुक्त रूप से गंदगी से जलधारा को मुक्त करने व व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दस दिन में यदि सफाई नहीं हुई तो कार्यवाही के लिए तैयार रहें। उन्होंने बताया कि पहूज के उददार हेतु अपनी सांसद विकास निधि से फं ड दिया था, पहुज को स्मार्ट सिटी में शामिल किए जाने की बात से वह खुश थीं क्योंकि सांसद विकास निधि से पहुज का काम तो शुरू हो जाए उसके बाद में स्मार्ट सिटी प्लान में आ जाएगा तो बाकी का काम उससे हो जाएगा। दरअसल, नदी स्मार्ट सिटी का हिस्सा है, स्मार्ट सिटी का टोटल पॉलिसी प्लान है। सांसद ने कहा – मैं अभी यहां आई हूं, आपने भी देखा है, मैंने भी देखा है कि काम नहीं हो पाया, हालांकि अधिकारियों ने 10 दिन का वक्त मांगा है। अब यदि अधिकारियों ने लापरवाही की तो मैं राज्य सरकार से संपर्क कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही जरूर कराऊंगी। इस अल्टीमेटम से अधिकारियों के चेहरों पर हवाईयां उडऩे लगीं। उनकेद्वारा गोद ली गयी नदी की जान बूझ कर उपेक्षा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सपा व बसपा सरकार ने अधिकारियों की आदत बिगाड़ दी है। धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ बहुत तेजी से काम चाहते हैं, लेकिन नीचे वालों को उनके साथ कदम मिलाने में अभी समय लगेगा। नदी में कचरा फेंकने से रोकने के लिए उन्होंने पुल के दोनों ओर जालियां लगाने के निर्देश दिए।
लक्ष्मी ताल के काम को सराहा
केन्द्रीय मंत्री ने लक्ष्मी तालाब के कायाकल्प के लिए चल रहे काम को सराहते हुए कहा कि उन्होंने वहां का काम देखा है। एसटीपी का काम 70 परसेंट कंप्लीट हो गया, तालाब में गिर रहे गंदे नालों का पानी साफ होने के बाद ही तालाब में जाएगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कारण साफ पानी से गंदगी नहीं होगी।