झांसी। गीता जयंती एक्सप्रेस के कोच में चढ़ने के दौरान मथुरा स्टेशन के निकट गंभीर घायल यात्री इलाज नहीं मिलने से 260 किमी तक दर्द से तड़पता रहा। हालत देख कर सह यात्रियों ने जब हंगामा किया तो ट्रेन के झांसी आने पर पीड़ित को ट्रेन से उतारा गया और इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया। यात्री रेल प्रशासन की संवेदनहीनता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।

दरअसल, ललितपुर के महरौनी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराना सौजना निवासी शिव नारायण सोनी (23) पुत्र अखिलेश कुमार मथुरा वृन्दावन से धार्मिक यात्रा कर अपने तीन दोस्तों के साथ मथुरा से गुरुवार रात को 10:39 बजे कुरुक्षेत्र-खजुराहो गीता जयंती एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में मथुरा से ललितपुर के लिए सवार हुआ। ट्रेन मथुरा से चल कर 10 किमी दूर बाद स्टेशन पर रुकी तो वह उतरकर पानी की बोतल लेने चला गया। इस दौरान अचानक ट्रेन चल पड़ी तो उसने दौड़कर चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया। कोच के गेट पर खड़े यात्रियों ने उसे चढ़ने नहीं दिया। उसने लोगों को हटाकर कोच के पायदान पर पैर रखा तो फिसलकर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गया। इसके बाद अन्य यात्रियों ने उसे पकड़कर ट्रेन के अंदर खींच लिया। मगर उसके दोनों पैर घायल हो गए और खून बहने लगा।

सहयात्रियों ने इलाज के लिए रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल किया तो आगरा कैंट स्टेशन पर सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई। ट्रेन रात 11:55 बजे आगरा कैंट स्टेशन पहुंची। यहां आए रेलकर्मियों ने घायल युवक को देखा, लेकिन इलाज नहीं किया और ग्वालियर स्टेशन पर इलाज कराने की बात कह दी। करीब आठ मिनट बाद ट्रेन आगरा स्टेशन से रवाना होकर रात 1:47 बजे ग्वालियर स्टेशन पहुंची। यहां पर मेडिकल स्टाफ युवक के कोच में पहुंचा और उसके पैरों में पट्टी बांध दी, लेकिन कोई दवा नहीं दी। युवक दर्द से तड़पता रहा।

युवक की हालत देख सह यात्रियों में आक्रोश फैल गया। इस पर यात्रियों ने फिर रेलवे को इलाज के लिए सूचित किया। ट्रेन के शुक्रवार सुबह चार बजे झांसी पहुंचने पर रेलवे अस्पताल के डॉक्टर अनिल और आन ड्यूटी डिप्टी एसएस एसके नरवरिया ने युवक को कोच से उतारा और गंभीर हालत देख उसे मेडिकल कॉलेज भेज दिया। ट्रेन की चपेट में आने से युवक के पैर बुरी तरह घायल हो गए थे। उसके दाहिने पैर से लगातार खून भी बह रहा था।