– पूर्व प्राचार्य की बेटी को आत्महत्या को मजबूर करने का मुकदमा

झांसी। जिले में प्यार के जाल में फंसाकर ब्लैकमेलिंग, एक्सटार्सन से परेशान होकर किशोरी ने आत्महत्या कर ली। लड़की के मोबाइल की कॉल रिकार्डिंग और गूगल चौटस के अनुसार उसे एक व्यक्ति ब्लैकमेलिंग, एक्सटार्सन, मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रुप से परेशान कर रहा था और लड़की उससे लगातार जेवरात लौटाने की जिद क़र रही थी। जिस कारण उसने यह कदम उठाया है।

जनपद के मऊरानीपुर थानान्तर्गत परवारीपुरा निवासी जगदीश सिंह सोमवंशी श्रीअग्रसेन महाविद्यालय से रिटायर्ड प्राचार्य है। उनकी बेटी भावना ने 23 मार्च को घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम के बाद शव को घर लाया और अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान मृतका के पास से किसी भी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला था जिससे उसकी मौत के कारण की स्पष्ट जानकारी हो सके। जब गमगीन माहौल कुछ कम हुआ तो फिर उनके दिमाग मे सवाल आया कि उनकी बेटी भावना ने आखिर आत्महत्या क्यों की। इसका जबाव खोजने के लिए उन्होंने मृतका भावना के सामान की तलाशी लेना शुरू कर दी। इसी दौरान उन्होंने उसकी अलमारी को खोलने का प्रयास किया तो उसकी चाबियां गायब मिली।
जब अलमारी का लॉक तोड़कर देखा तो भावना के सारे गहने और घर के अन्य गहने गायब मिले। जिनकी कीमत लगभग 50 से 52 लाख रुपए थी । इस पर उन्हें बेटी की आत्महत्या के पीछे कुछ गंभीर मामला समझ में आया। उन्होंने भावना के मोबाइल को चेक करना शुरू किया। तभी भावना की आत्महत्या करने का रहस्य सामने आया। मोबाइल सर्च करने पर उसमें काफी सारी ऑनलाइन चैटिंग, कॉल रिकॉर्डिंग और कॉल डिटेल मिली। यह सभी साफ इशारा कर रहे थे की आरोपी चंद्रमणि चतुर्वेदी ने भावना से ब्लैकमेलिंग कर या फिर अन्य किसी तरीके से आभूषण हड़प लिए। भावना से आरोपी लगातार पैसों की मांग कर रहा था, साथ ही मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दे रहा था। जिसके चलते मजबूरन भावना ने सुसाइट कर लिया था।

चेटिंग और रिकॉर्डिंग के अनुसार भावना लगातार अपना सामान वापस मांग रही थी और वह काफी समय से परेशान थी। जिस कारण उसने आत्महत्या की है। पुलिस ने शिकायत के अनुसार आरोपी चंद्रमणि चतुर्वेदी के खिलाफ धारा 420, 406, व 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।