झांसी(बुन्देलखण्ड)। अपर सत्र न्यायाधीश/फ ास्ट ट्रेक कोर्ट संजय कुमार सिंह की अदालत में तीन बीघा जमीन अथवा 06 लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को जलाकर मौत के घाट उतारने के आरोप में सास-ससुर व पति को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि ग्राम सैतौल थाना भाण्डेर जिला दतिया मप्र निवासी धर्मेन्द्र शर्मा पुत्र स्व0 लखनलाल शर्मा ने थाना बबीना में तहरीर देते हुये बताया था कि उसकी बहन श्रृद्धा उर्फ लाली का विवाह 06 जून 2014 को थाना बबीना क्षेत्र अन्तर्गत मथुरापुरा निवासी प्रवेन्द्र कांकर पुत्र राधा चरन कांकर के साथ सम्पन्न हुआ था। जिसमें उसने अपनी हैसियत से अधिक दान.दहेज दिया था। जब वह पहली बार बहन को विदा कराने पहुंचा तो ससुराली जनों ने कम दहेज का उलाहना देते हुये श्रृद्धा का उत्पी?न किया। ससुराली जनों ने कहा कि खेती की जमीन में से आधी तीन बीघा जमीन की रजिस्ट्री कर दो अथवा 06 लाख रुपये नगद दिये जाने पर ही तुम्हारी बहन इस घर में सुखी रह पायेगी। हैसियत का हवाला देते हुये जब धर्मेन्द्र ने मांग पूरी करने में असमर्थता जाहिर की तो सभी ससुराली जन आग बबूला हो गये और काफी मिन्नतों के बाद विदाई की। श्रृद्धा जब पुन: विदा होकर ससुराल गई तो 20 दिसम्बर 2014 को ससुराली जनों ने मारपीट कर जान से मारने का प्रयास किया। इसके उपरांत 14 अप्रैल 2016 को सभी ससुराली जनों ने एक राय होकर मारपीट कर श्रृद्धा के सारे जेवरात उतरवा लिये और मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया। जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। जहां पति प्रवेन्द्र कांकरए ससुर राधा चरन पुत्र स्व0 आशाराम व सास श्रीमती सुमन को धारा 304बी आईपीसी के अन्तर्गत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास, 498ए आईपीसी के अपराध में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास, 05-05 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 03-03 माह के कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अपराध में 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास, 02-02 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 02-02 माह के कारावास की सजा सुनाई गई।