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परिजनों ने भी शव लेने से किया किनारा

झांसी। वह लगभग 25 वर्ष पहले झांसी के लालनपुर गांव से कमाने छत्तीसगढ़ चला गया था। जीवन के अंतिम दौर अपनों के बीच बिताने की चाहत लिए वह छत्तीसगढ़ से अपने गांव झांसी के लालनपुरा के लिए निकला, किंतु झांसी रेलवे स्टेशन पर ही उसकी सांस टूट गई। प्लेटफार्म पर शव मिलने के बाद जब जीआरपी ने परिजनों को फोन किया तो उन्होंने भी वृद्ध से सारे-रिश्ते नाते तोड़ कर शव लेने से इन्कार कर दिया।

दरअसल, रविवार दोपहर 3:30 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4/5 पर एक बुजुर्ग दिल्ली एंड पर अचेत पड़ा है। सूचना मिलते ही डिप्टी एसएस वाणिज्य एसके नरवरिया, रेलवे के चिकित्सक, जीआरपी उप निरीक्षक शिव स्वरूप और आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। डॉक्टर ने परीक्षण कर वृद्ध को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद जेब से मिले जनरल टिकट और आधार कार्ड से जानकारी मिली कि वह मोंठ थाना क्षेत्र के लालनपुरा का 63 वर्षीय राकेश श्रीवास्तव पुत्र प्रेम नारायण है।

उससे मिले टिकट को देखकर पता चला कि वृद्ध छत्तीसगढ़ के चांपा से झांसी के लिए यात्रा कर रहा था। जीआरपी ने वृद्ध के परिजनों को सूचना देते हुए शव ले जाने को कहा। लेकिन परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों ने कहा कि हम दूर के रिश्तेदार हैं और मृतक राकेश श्रीवास्तव की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। इसके बाद परिजनों ने मोबाइल फोन बंद कर दिया। उसके बचपन के दोस्त और मोंठ के ही मुरारी ने बताया राकेश 25 साल पहले छत्तीसगढ़ के चांपा में जाकर बस गया था। राकेश की उससे सात माह पहले फोन पर बात हुई थी। उसने बताया था कि वह जीवन के बचे हुए दिन अब घर पर और अपनों के बीच बिताना चाहता है।

जीआरपी ने अब मृतक का शव मेडिकल कॉलेज को सौंपा है। उप निरीक्षक शिव स्वरूप ने बताया कि मृतक के परिजनों से शव ले जाने की अपील कर चुके हैं, लेकिन वह बात करने को तैयार नहीं हैं।