असंतुष्टों में फूट डालने व आश्वासन का झुनझुना थमाने की रणनीति बनाने में जुटे
झांसी। भाजपा की रणनीति के तहत नगर निगम में उप सभापति पद पर प्रियंका साहू के सर्वसम्मति से चुनाव के बाद से भाजपा में अंदरखाने छिड़ा घमासान सोमवार को सरेआम हो गया। टिकट वितरण में मनमानी का आरोप लगाते हुए भाजपा पार्षद प्रदीप खटीक ने कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों का दावा है कि इसकी देखा-देखी टिकट बंटवारे में मनमानी के विरोध में बागी गुट भी सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी में है।
दरअसल, नगर निगम में उपसभापति के चुनाव के दौरान भाजपा कोर कमेटी ने अन्य दावेदारों को चौंकाते हुए पार्षद प्रियंका साहू को टिकट थमा दिया था। इसके पीछे जीत हार में अहम भूमिका निभाने वाले साहू वोट बैंक को साधना था और ऊपर के संकेत पर यह किया गया था। फिलहाल भाजपा पार्षद बिना विश्वास में लिए पार्टी नेताओं के इस फैसले से चकित थे।
चुनाव के बाद से प्रियंका के उपसभापति बनाने के विरोध के चलते पार्षदों ने अंदरखाने विरोध की रणनीति तय कर ली है। रुष्ट पार्षदों का कहना था कि इस दफा वरिष्ठता का भी पार्टी नेताओं ने ख्याल नहीं रखा। भाजपा पार्षद भी कोर कमेटी के फैसले से नाखुश बताए जा रहे। इसके चलते सोमवार को निगम कार्यकारिणी कक्ष में नेता सदन दिनेश प्रताप सिंह बंटी राजा, मुकेश सोनी, प्रवीण लखेरा, प्रदीप खटीक समेत अन्य पार्षदों की बैठक हुई।
बैठक के बाद पार्षद प्रदीप खटीक महापौर कार्यालय पहुंचे और महापौर की गैर मौजूदगी में उनके कार्यालय में कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया। इसमें उन्होंने त्यागपत्र की वजह नहीं लिखी। प्रदीप उपसभापति का टिकट मांग रहे थे। बागी गुट भी सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी में है। कार्यकारिणी पार्षद मुकेश सोनी का कहना है कि अभी हलचल आगे भी होगी। महापौर बिहारी लाल आर्य ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इन्कार किया है।
इधर इस्तीफा वायरल करने का कारण पूछने पर प्रदीप ने बताया कि हम लोग पुराने हैं और अभी हाल ही में नगर निगम में उपसभापति का चुनाव हुआ जिसमे पुराने लोगों को तब्ज्जो नही दी गई। इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। अब देखना है कि असंतुष्टों को भाजपा नेता कौन सा झुनझुना थमा कर संतुष्ट करते हैं।