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– सुरक्षा उपायों में लापरवाही का उदाहरण जानलेवा साबित हुआ 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पर 23 पर सोमवार को इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही के चलते आरओबी से गिरी गर्डर की धारदार पत्ती के टुकड़े से लगभग 40 वर्षीय यात्री का सिर फट कर लहूलुहान हो गया। यह देख कर यात्रियों में मचा अफरातफरी मच गई। यात्री को लहूलुहान अवस्था में रेलवे अस्पताल भेजा गया। जहां सिर पर गम्भीर चोट होने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।  रेलवे की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली पर यात्रियों में  रोष है।

गौरतलब है कि झांसी स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने वाले वर्षों पुराने फुट ओवर ब्रिज को बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए नया फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया है। अनउपयुक्त हो चुके पुराने पुल को तोड़ने का काम इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कराया जा रहा है। जानकारों की मानें तो इसमें सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जा रही है जिसका परिणाम सोमवार को देखने को मिला।

दरअसल, भोपाल के सम्राट कालोनी अशोका गार्डन निवासी सत्येन्द्र कुमार गर्ग सोमवार दोपहर प्लेटफार्म नम्बर 3 पर आई आगरा कैंट से आई वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी एक्सप्रेस से उतरा था। टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर तैनात सत्येन्द्र प्रतिदिन ग्वालियर से झांसी अप-डाउन करता है। सोमवार को भी दोपहर में वह ट्रेन से उतरकर पुराने ब्रिज के नीचे से निकल रहा था, तभी अचानक ब्रिज के गर्डर से निकली लोहे की पट्टी का टुकड़ा अचानक उसके सिर पर गिरा और वह लहूलुहान हो गया। यह देख प्लेटफार्म पर यात्रियों में अफरातफरी मच गई।

घायल को लेकर अन्य यात्री इलाज के लिए डिप्टी एसएस कार्यालय ले गए और जहां रेलवे डॉक्टर बुलाकर उसका प्राथमिक इलाज कराकर एम्बुलेंस से रेलवे अस्पताल भेजा गया। यहां सिर पर चोट होने के कारण रेलवे डॉक्टरों ने सत्येन्द्र को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। इस घटनाक्रम से यात्रियों ने सुरक्षा के मानकों की अनदेखी कर गैर जिम्मेदार ढंग से काम कराने पर आक्रोश व्यक्त किया है। फिलहाल लापरवाही किसकी है यह जांच का विषय है, यदि इसी तरह से लापरवाही चलती रही तो फिर कभी गंभीर हादसा हो सकता है।