झांसी। गवाहों के द्रोही पक्ष होने के बावजूद दस्यु प्रभावित क्षेत्र विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा की अदालत ने अभियोजन और बरामदगी को साक्ष्य मानते हुए चार अभियुक्तों पर लूट का दोष सिद्ध होने पर दस दस वर्ष का कारावास और पच्चीस पच्चीस हजार रुपए जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि 4 जुलाई 2009 को मोंठ निवासी सूरज सिंह ने थाना टहरौल में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि वह अपनी बाइक क्रमांक यूपी 93 एस 8784 से बहन के घर से होकर अपने घर जा रहा था। तभी कुम्हारिया की पुलिया के पास रास्ते में घात लगाए बैठे चार युवकों ने उसे रोक लिया और तमंचा अड़ाकर उसे धमकाते हुए उसका मोबाइल फोन, बाइक और जेब से पर्स निकाल कर रुपए लूट कर भाग गए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लूटे गए मोबाइल की लोकेशन के आधार पर आरोपियों को दबोच लिया था। पकड़े गए आरोपियों के नाम उरई निवासी जब्बार, सुरेंद्र, सुनील तथा एक तहरौली के ग्राम घोंटी निवासी माखन उर्फ मक्कू बताए थे।

पुलिस ने इनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल फोन, बाइक बरामद कर रिपोर्ट कर्ता से पहचान कराने के बाद सभी को जेल भेज कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। करीब पंद्रह साल चले इस मुकदमे में गवाहों के द्रोही पक्ष होने के बावजूद अदालत ने अभियोजन साक्ष्य बरामदगी को आधार मानते हुए आरोप सिद्ध होने पर चारों लूट के आरोपियों को दस दस साल का कारावास और पच्चीस पच्चीस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।