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झांसी। जिले में 3 वर्ष में 7 बार ट्रांसफर से दुखी बीमार स्काउट गाइड के सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त ने सोमवार को सुसाइड कर लिया। उन्होंने पत्नी के ड्यूटी और बेटे के लाइब्रेरी जाने के बाद उन्होंने घर पर फांसी लगा ली। जब बेटा घर पर आया तो कमरे के अंदर पिता फंदे पर लटके हुए थे। यह दुखद मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के नई बस्ती का है। पुलिस शव कब्जे में लेकर मामले की जांच कर रही है।

शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नई बस्ती के छुट्टू का बगीचा निवासी स्काउट गाइड के सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त प्रदीप गुप्ता (55) शिक्षा विभाग के जेडी कार्यालय में संबद्ध थे। लगभग एक सप्ताह पहले उनका बांदा से ट्रांसफर हुआ था। उनके दोस्त याकूब अहमद मंसूरी ने बताया कि प्रदीप गुप्ता कुछ समय से बीमार चल रहे थे, विभाग भी उनको परेशान कर रहा था। पिछले करीब 3 सालों में उनके 6 से 7 ट्रांसफर कर दिए। इससे वे बहुत दुखी थे। दो दिन से वह अजीब तरह की बातें कर रहे थे।

प्रदीप गुप्ता की पत्नी हेमलता बड़ागांव के श्रीकृष्ण आदर्श इंटर कॉलेज में टीचर हैं। सोमवार सुबह वह स्कूल चली गई जबकि उनका इकलौता बेटा यश गुप्ता लाइब्रेरी में गया था। घर पर प्रदीप गुप्ता अकेले थे। इससे स्पष्ट है कि उन्होंने टेबल पर कुर्सी रखकर पंखे से रस्सी का फंदा बनाया और झूल गए।

दोपहर में जब बेटा लाइब्रेरी से लौटा तो कमरा अंदर से बंद था। आवाज लगाई और दरवाजा खटखटाया, मगर पिता ने कोई जबाव नहीं दिया। खिड़की का कांच तोड़कर देखा तो पिता पंखे से रस्सी के फंदे पर लटके थे, टेबल पर कुर्सी रखी थी। इससे स्पष्ट है कि उन्होंने टेबल पर कुर्सी रखकर पंखे से रस्सी का फंदा बनाया और झूल गए। बेटेे के चीखने चिल्लाने पर आसपास के लोग आ गए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

ट्रांसफर पर ट्रांसफर हो रहे थे

मौत की सूचना पर प्रदीप गुप्ता के जानने वाले काफी संख्या में मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पहुंच गए। उन्होंने शिक्षा विभाग की कार्यशैली की निंदा की। लोगों का कहना है कि प्रदीप गुप्ता झांसी मंडल में तैनात थे। बीमार होने के बाद उनको परेशान किया गया। झांसी से आगरा, बरेली, प्रयागराज, झांसी, चित्रकूट और फिर झांसी ट्रांसफर कर दिया गया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।