• कांग्रेस की महासचिव प्रियंका बुन्देलखण्ड में तीन दिन करेंगी दौरा
    झांसी। भारतीय जनता पार्टी के गढ़ बुन्देलखण्ड की संसदीय सीटों पर कांग्रेस की नजर है। बुन्देलखण्ड की सीटों से भगवा किला भेदने को लेकर प्रियंका गांधी यहां तीन दिनों के दौरे पर आ रहीं हैं। प्रियंका गांधी कानपुर से होते हुए जालौन, हमीरपुर, बाँदा और चित्रकूट जाएंगी। सूत्रों के अनुसार इस दौरान प्रियंका गांधी रोड शो, जनसभाएं, नुक्कड़ सभाएं और ग्रामीणों से सीधा संवाद कर कांग्रेस से जोडऩे की कोशिश करेंगीं। प्रियंका का कार्यक्रम आते ही कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं।
    दरअसल, कांग्रेस हाईकमान ने बुन्देलखण्ड में प्रियंका गांधी के तीन दिवसीय कार्यक्रम की घोषणा की है जिसके मुताबिक प्रियंका तीन अप्रैल को कानपुर आएंगी इसके बाद वे जालौन के लिए रवाना हो जाएंगीं। जालौन में उनका रोड शो के साथ ही जनसभा का आयोजन किया जाएगा। चार को को प्रियंका हमीरपुर जाएंगी जहां पर वो रोड शो, जनसभा और ग्रामीणों से संवाद करेंगीें। हमीरपुर से होते हुए वह महोबा जाएंगी यहां रोड शो करने के साथ ही ग्रामीणों के साथ नुक्कड़ सभा करेंगी, 6 अप्रैल को प्रियंका बांदा और चित्रकूट जाएंगी जहां पर रोड शो और जनसभा को संबोधित करेंगीं। इस दौरान प्रियंका गांधी कामदगिरी मंदिर में दर्शन करने के साथ ही मंदाकनी नदी की आरती और पूजा करेंगीं। इसके साथ ही प्रियंका कार्यकर्ताओं के साथ संवाद भी करेंगी।
    बताया गया है कि बुन्देलखण्ड/कानपुर की 10 लोकसभा की सीटें है जिसमें से चार सीटों की जिम्मेदारी यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गांधी के पास है। यह सीटें हैं हमीरपुर, जालौन, झांसी, बांदा, कानपुर जबकि बुंदेलखंड की 6 लोकसभा सीटें यूपी वेस्ट प्रभारी ‘योतिरादित्य सिंधिया के पास हैं जिसमें कानपुर, अकबरपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा हैं। राजनैतिक स्थिति पर नजर डालें तो एक समय था जब कानपुर-बुंदेलखंड कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में तस्वीर बदल गई। कन्नौज संसदीय क्षेत्र को छोड़ कर पूरे कानपुर बुंदेलखंड में भगवा ध्वज छा गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 09 सीटें जीत कर इतिहास रच दिया था। यदि 2017 के विधान सभा की बात करें तो कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 47 सीटें जीती थीं। 5 विधानसभा सीटें ही विपक्षी पार्टियों के हाथ लगी थीं। इस जीत के बाद से ये इलाका बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ बन गया। सपा, बसपा गठबंधन की चुनौती के साथ अब कांग्रेस इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है।