मोबाइल छीनकर भागे, भाई को भी धमकाया; 2 दिन बाद झांसी में मिली लाश
झांसी। झांसी में चलती ट्रेन में बदमाशों ने एक युवक से मोबाइल छीनकर धक्का दे दिया और जब युवक के साथ सफर कर रहे नाबालिग मौसेरे भाई ने चेन खींचकर ट्रेन रुकवाई, तो उसे भी धमकाया। डर के मारे उसने किसी से जिक्र नहीं किया। घर जाकर परिजनों को आपबीती बताई तब परिजन तलाश करते हुए 2 दिन बाद शुक्रवार को झांसी पहुंचे। उन्हें मेडिकल कॉलेज की मॉर्च्यूरी के अंदर युवक की लाश मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
मृतक की पहचान सतेंद्र विश्वकर्मा (28) पुत्र रामकेवल निवासी परसोना, सिद्धार्थनगर के रूप में हुई है। मृतक सतेंद्र कर्नाटक में एक कंपनी में जॉब करता था। उसकी शादी होने जा रही थी, इसलिए वह घर लौट रहा था। रविवार को सतेंद्र और उसके मौसी का नाबालिग बेटा कुंदन ट्रेन में सवार हुए। मंगलवार को उन्होंने झांसी स्टेशन पर ट्रेन बदली और गोरखपुर के लिए रवाना हो गए। आरोप है कि ट्रेन 3-4 किलोमीटर ही चली थी कि बदमाशों ने सतेंद्र का मोबाइल छीन लिया। छीना झपटी में बदमाशों ने सतेंद्र को धक्का दे दिया। इससे वह चलती ट्रेन से गिर गया।
यह देख कर कुंदन ने चेन खींचकर ट्रेन रोक ली। वहां कुछ लोगों ने उसे धमका दिया। तब वह उसी ट्रेन में बैठकर सवार हो गया और बुधवार को घर पहुंच कर कुंदन ने घटना की जानकारी दी। इस पर कोहराम मच गया और सतेन्द्र की छानबीन की गई। पुलिस में एक रिश्तेदार के जरिए झांसी पुलिस से संपर्क करने पर पता चला कि सीपरी बाजार थाना क्षेत्र में लावारिस लाश मिली है। सीपरी पुलिस को फोन किया तो उन्होंने शव की फोटो भेजी। जो सतेंद्र की लग रही थी।
इसके बाद परिजन शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे झांसी पहुंचे। यहां पुलिस ने मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखी लावारिस लाश दिखाई तो परिजनों ने सतेंद्र के रूप में पहचान की। परिजनों का कहना है कि पुलिस को तहरीर लिखकर देने लगे तो बोले कि रेलवे का मामला है। अब संस्कार करके दोबारा झांसी आकर कार्रवाई करेंगे।
विधवा भाभी से होने जा रही थी शादी
परिजनों ने बताया कि सतेंद्र 3 भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई जितेंद्र और धर्मेंद्र की शादी हो चुकी थी। 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में धर्मेंद्र की मौत हो गई थी। उसकी विधवा पत्नी अनीता 3 बच्चों के साथ घर पर रह रही थी। सतेंद्र अविवाहित था। ऐसे में परिजनों ने सतेंद्र और अनीता की शादी करने का फैसला किया। शादी के लिए सतेंद्र घर आ रहा था। मगर रास्ते में ही घटना हो गई। सतेंद्र से बड़ी 3 बहनों की शादी हो चुकी है। जबकि पिता की 6 साल पहले मौत हो चुकी है।
किराए के लिए 76 लोगों ने चंदा किया, तब झांसी आ पाए
सतेंद्र की मौत के बाद घर में मातम छाया है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। जब मौसेरे भाई ने घर जाकर घटना के बारे में बताया तो परिजनों के पास झांसी आने के लिए पैसे तक नहीं थे। ऐसे में गांव के 76 लोगों ने चंदा किया। किसी ने 100 रुपए दिए तो किसी ने एक हजार रुपए। इस तरह से लगभग 30 हजार रुपए का इंतजाम हो गया तब परिजन किराए की पिकअप लेकर झांसी पहुंचे। परिजनों का कहना है कि सतेंद्र का मोबाइल अभी नहीं मिला है। परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी जी से न्याय की गुहार लगाई है।