झाँसी प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना में गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए योजना का लाभ लेने वाले मरीजों की बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज की जा रही है। यही नहीं बड़ी व महंगी जांच के पहले व बाद में मरीज की बायोमैट्रिक हाजिरी ली जा रही है । इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के डायरेक्टर डॉ० दिनेश अरोड़ा ने निर्देश भी जारी कर दिये है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० सुशील प्रकाश ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को पाँच लाख तक सलाना इलाज कराने का निशुल्क सुविधा है। जिसके अंतर्गत अस्पतालों में लाभ लेने के मामले में बहुत से फर्जीबाड़े सामने आए है जैसे- एक ही नाम के कई सदस्य होने पर लाभार्थी के जगह दूसरे लोग इलाज व दवा ले रहे है जिससे पात्र लाभार्थी को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुये इस तरह के फर्जीबाड़े को रोकने तथा पात्र लाभार्थी को इस योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से मरीजों को अब अस्पताल में भर्ती होने से पहले सभी कागजातों के साथ पंजीकृत सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य हो गया है। इसमें लाभार्थी के अंगूठे का सत्यापन किया जा रहा है।
इसके अलावा जब मरीज डिस्चार्ज होगा, उस समय भी वेरीफिकेशन होगा। उन्होने बताया कि बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन लागू होने से इस योजना के नाम पर धांधली नहीं हो सकेगी लाभार्थियों की सत्यता व लाभ की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ० अभिषेक मिश्रा ने बताया कि प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जिला महिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालाय, मेडिकल कॉलेज, सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित व प्राइवेट अस्पतालों में माँ वैष्णो, झाँसी अर्थोपेडिक, किलकारी हॉस्पिटल, चिरंजीवी हॉस्पिटल, एसटी मेरी हॉस्पिटल- मऊरानीपुर, लाहिरी इटालिया नर्सिंग होम- रानीपुर, राधा हॉस्पिटल-मऊरानीपुर, उपचार हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, हाई टेक हॉस्पिटल एंड ट्रौमा सेंटर, खुराना हॉस्पिटल, लाइफ लाइन, सुशीला अस्पताल इत्यादि पंजीकृत है। जहां पर लाभार्थी अपना इलाज मुफ्त में करा सकता है। उन्होने बताया कि अब तक जिले में लगभग 38,817 गोल्डनकार्ड बनाए गए है। जबकि 1501 रोगियों का इलाज इस योजना के तहत किया गया है।