झांसी। 11 अप्रैल को घटित घटना का जीआरपी थाने में टीटीई ने एक कथित वकील सहित दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि दोनों आरोपियों ने उन पर यात्रियों से वसूली का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाया और फिर उसे अनर्गल तरीके से वायरल कर दिया। इस पूरे मामले में जीआरपी ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
झांसी मंडल में तैनात सीनियर CCTC पुनीत कुमार ने झांसी GRP थाना में दी तहरीर में बताया कि वह बीती 11 अप्रैल को 20423 सिवनी-फिरोजपुर कैंट पातालकोट एक्सप्रेस के स्लीपर कोच S-5, 6 व 7 में टिकट चेकिंग की ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान एक यात्री स्लीपर कोच में जनरल टिकट पर यात्रा करते हुए मिला था। इस पर उन्होंने रसीद बनवाने के लिए कहा तो यात्री रसीद बनवाने लगा तो इसी दौरान दो व्यक्ति आए और उससे बोले कि तुम अवैध वसूली कर रहे हो। मना करने पर दोनों लोगों ने उसका टिकट चार्ट, फीडिंग वाला टैबलेट और रसीद बुक छीन ली। साथ ही वीडियो बनाते हुए गाली गलौज करने लगे। इसके बाद अन्य यात्रियों की मदद से टैब और रसीद बुक वापस मिल सकी।
इसके बाद जब टीटीई आरोपियों से बचते हुए कोच S-7 में पहुंचे तो आरोपी वहां पहुंच गए और दवाब बनाते हुए कहा कि कुछ समझ लो नहीं तो तुम्हारी उक्त वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा। इस पर टीटीई ने झांसी कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। झांसी स्टेशन पर दोनों लोगों को RPF और GRP के हवाले कर दिया। वीडियो बनाने वाला आरोपी वीडियो में खुद को हाईकोर्ट इलाहबाद का वकील बता रहा था। इस दौरान एक अधिवक्ता के बीच में आने के चलते उन्हें समझौता कर जाने दिया गया।
पीड़ित टीटीई ने बताया कि समझौता के बाद झांसी स्टेशन से जाने के बाद आरोपी दीपांकर और उसके अन्य साथी ने उनकी ट्रेन में हुए विवाद का उक्त वीडियो अनर्गल कैप्शन के साथ तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दी। इससे उनकी और रेलवे की छवि धूमिल हुई है। इस मामले में टीटीई की तहरीर पर आरोपी दीपांकर और उसके एक अन्य साथी के विरुद्ध BNS की धारा 132, 121(1) और 352 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।