सोशल मीडिया ने उजागर की हकीकत, दो आउट सोर्स सहित 5 कर्मचारी सस्पेंड
झांसी। सोशल मीडिया पर झांसी मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार करने वाले एक तस्वीर ने जहां झकझोर दिया है वहीं मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तस्वीर वायरल होने पर बैक फुट पर आए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो आउट सोर्स सहित पांच कर्मचारियों पर कार्रवाई कर दी। उधर, इलाज में लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई।
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर की रहने वाली शकुंतला नामक महिला को पेट में तकलीफ के चलते 3 मई को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जांच में आंतों में संक्रमण पाया गया और खून की कमी भी थी, जिसके चलते 8 मई को उन्हें खून चढ़ाया गया। खून पूरी तरह से चढ़ भी नहीं पाया था कि महिला को एक्सरे के लिए रेडियोलॉजी विभाग ले जाने के लिए कहा गया।
जब मरीज़ को रेडियोलॉजी विभाग ले जाने के मदद मांगी गई तो हैरानी की बात यह रही कि अस्पताल से कोई भी वार्डबॉय या कर्मचारी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। मजबूरन, महिला के पति राजू नायक को खुद स्ट्रेचर खींचना पड़ा, जबकि उनका करीब नौ साल का मासूम बेटा सौरभ नायक हाथ में खून की बोतल पकड़े उनके साथ-साथ चलता रहा।
इस हृदयविदारक दृश्य को किसी ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया और रविवार अपराह्न यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। फोटो वायरल होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मामले की जांच की गई और प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए पांच कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। इसके तहत सिस्टर इंचार्ज और स्टाफ नर्स का वेतन रोक दिया गया और दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा, दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। देखते हैं कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है कि नहीं। हालांकि इलाज में लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई।