एम्बुलेंस चालक ने लावारिस का अंतिम सफर कंधे पर लाद कर तय कराया, स्वास्थ्य व पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल 

झांसी। जिला मुख्यालय पर तमाम (अ) व्यवस्थाओं को उजागर करते हुए एक बार फिर इंसानियत को झकझोर देने वाला ऐसा मामला सामने आया है जिसने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। इंसानियत को शर्मसार करने वायरल वीडियो में एक एम्बुलेंस चालक को लावारिस शव को पीठ पर लाद कर अंतिम संस्कार हेतु श्मशान घाट तक ले जाते हुए देखा जा सकता है।

झांसी के बड़ागांव गेट बाहर स्थित मुक्तिधाम के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एम्बुलेंस में शव लेकर आए चालक ने जब वहां किसी को मदद के लिए नहीं पाया, तो शव को खुद अपनी पीठ पर लाद लिया। शव का सिर नीचे और पैर ऊपर लटकते हुए करीब 50-60 मीटर तक श्मशान के अंदर तक ढोया गया।

शव सड़ने लगा तो खुद किया अंतिम संस्कार
संवेदनशील एम्बुलेंस चालक मुकेश यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम घर में यह शव लावारिस पड़ा था और कोई भी उसके अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया। उन्होंने बताया, “जब चार लोग नहीं मिलते और शव सड़ने लगता है, तो हम खुद ही अंतिम संस्कार कर देते हैं।” इस शव को चार कंधे नसीब नहीं हुए तो एक कंधे पर ही ले आया। इस वीडियो के सामने आने के बाद जिम्मेदार स्वास्थ्य व पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। यह बात अलग है कि वह अपना अपना पल्ला झाड़ लें। इस तरह की पुनरावृत्ति फिर से न हो इसके लिए आखिरकार यह जिम्मेदारी/ जवाबदेही तो तय करना ही होगी कि लावारिस शवों का अंतिम संस्कार सम्मान पूर्वक हो।