झांसी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाँसी के निर्देशन में बाल कल्याण समिति कार्यालय में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन न्यायपीठ अध्यक्ष राजीव शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें बाल श्रम अधिनियम, पाक्सो अधिनियम एवं किशोर न्याय अधिनियम के प्राविधानों की जानकारी दी गयी।
इस दौरान अरूण तिवारी श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा बाल श्रम अधिनियम पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बालक से काम कराना दण्डनीय अपराध है। 14 से 18 वर्ष के मध्य आयु के किशोरों से गैर खतरनाक उद्योगों या दुकानों पर कार्य कराया जा सकता है पर कार्य अवधि पांच घण्टे से अधिक न हो।
विजय सिंह कुशवाहा विशेष लोक अभियोजक ( पाक्सो एक्ट ) ने पाक्सो अधिनियम की सभी धाराओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए अवगत कराया कि पाक्सो अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं/बालकों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया है और जो भी बच्चों के लैंगिक उत्पीड़न का दोषी पाया जायेगा उसे कठोर सजा से दण्डित किया जायेगा। उन्होंने ऐसे कई मामलों का उदाहरण भी दिया जिसमें वादी व पीड़िता द्वारा बयान बदल जाने के बावजूद भी अपराधी को कठोर दण्ड दिया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे राजीव शर्मा ने किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी देते हुए देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के समस्त अधिकारों की सुरक्षा हेतु बाल कल्याण समिति की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डा0 रामयश सचान, रानी चौबे, बाल कल्याण समिति सदस्य कोमल सिंह, परवीन खान, हरीकृष्ण सक्सैना, दीप्ति सक्सैना , वन स्टाप सेंटर प्रभारी प्रीति त्रिपाठी, रेलवे चाइल्ड हेल्पलाइन से बिलाल उल हक व भारती गहलोत, बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान से शिवानी तथा विधिक सेवा प्राधिकरण से भेजे गये समस्त पी0एल0वी0 उपस्थित रहे। अन्त में कार्यालय प्रभारी साजिद खान ने सबका आभार व्यक्त किया।