झांसी। अपर सिविल जज (सीनियर डिविजन)/एजीजेएम विजय कुमार वर्मा द्वितीय की अदालत में चैक बाउंस के मामले में आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को 01 वर्ष के कारावास तथा 01 लाख 40 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी।
परिवादी फखरूद्दीन पुत्र कमरूद्दीन निवासी भैरों खिड़की द्वारा न्यायालय में धारा 138 एनआई एक्ट के तहत परिवाद दाखिल करते हुये बताया था कि उसने दरीगरान निवासी आरिफ खान उर्फ मोनू पुत्र मो0 फ ारूख खान को व्यवसाय हेतु 01 जनवरी 2015 को 01 लाख रुपये उधार दिया था। उधारी की रकम वापसी हेतु आरिफ खान द्वारा एक चैक बैंक ऑफ इण्डिया शाखा मानिक चैक का 01 लाख रुपये का 04 अप्रैल 2015 की तिथि का दिया गया था। समय पर रुपये की अदायगी न किये जाने पर जब फखरूद्दीन ने उक्त चैक भुगतान हेतु इलाहाबाद बैंक शाखा में अपने खाते में जमा किया तो 11 जून को खाता बंद बताते हुये बिना भुगतान के बैंक से चैक वापस लौटा दिया गया। चैक अनादृत होने पर जब आरिफ से कहा तो वह हीला हवाली करने लगा। फखरूद्दीन द्वारा 20 जून 2015 को जरिये अधिवक्ता एक नोटिस भेजा गया। जिसे आरिफ खान द्वारा न लिये जाने पर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त आरिफ खान उर्फ मोनू को दोषी मानते हुये धारा 138 एनआई एक्ट के अन्तर्गत 01 वर्ष के कारावास तथा 01 लाख 40 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त को 03 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। अर्थदण्ड राशि में से 01 लाख 20 हजार रुपये बतौर प्रतिकर प्रतिवादी फखरूद्दीन को अदा किये जाएंगे।