वीएमएस के महामंत्री ने इंजीनियर फेडरेशन को दिया मदद का आश्वासन
कानपुर। विद्युत लोको शेड कानपुर में नोर्थ सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज संगठन के नेताओं द्वारा रेलवे के सिनियर सेक्शन इंजीनियर से धक्का मुक्की एवं रेलवे के बड़े अधिकारी के चैंबर में घुसकर दबंगई दिखाने का मामला सामने आया है। इस मामले में इंजीनियर फेडरेशन की लिखित में शिकायत पर रेलवे प्रशासन ने सख्त रूप अपनाते हुए यूनियन नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की है।
यूनियन के नेताओं ने अपने जोन स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक मामला पहुंचा दिया है। इधर, इंजिनियर फेडरेशन ने भी यूनियन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार और कामचोरी के मामले की शिकायत रेलवे के बड़े अधिकारियों एवं भारतीय मजदूर संघ की रेलवे यूनियन उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री से की है।
इस मामले में संघ के महामंत्री रूपम पांडेय ने कहा इंजिनियर फेडरेशन हमारा सहयोगी संगठन है इसलिए हर स्तर पर उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ, इंजिनियर फेडरेशन की मदद करेगा। इसी संदर्भ महामंत्री रूपम पांडेय का विद्युत लोको शेड कानपुर में आगमन हुआ तो उनके समक्ष कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए गए। जिसमें यूनियन के रिटायर्ड नेता मान सिंह ने अपने बेटे के फर्म माँ गायत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर 32 लाख का ठेका ले रखा था जिससे यह जानकारी रेल प्रशासन ने छुपाने के आरोप में उनका ठेका रद्द कर दिया। यूनियन के अन्य नेता अमित कुमार जो कि रेलवे में टेक्निशियन है उसने तेजाब मिल रेलवे कॉलोनी में क्वार्टर संख्या 73 (अ) पर अवैध कब्जा जमा रखा है एवं उसमें अवैध रूप से बैटरी रिक्शा चार्ज करने का धंधा करता है। सबसे बड़ा मामला युनियन के एक बड़े नेता से संबंधित है जिन्होंने अपने साथ के लगभग 15 से ज्यादा कर्मचारियों को भीमसेन के पास जमीन खरीदवाया परंतु 7 साल बाद भी अब तक जमीन पर कब्जा नहीं हो पाया है, इससे पीड़ित कर्मचारीयों के अंदर काफी रोष है। एक अन्य मामला नोर्थ सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज संगठन के कार्यालय का है जिसमें कई दशकों से चोरी की बिजली से कार्यालय में बिजली संबंधित तमाम व्यवस्था उन्होंने बना रखी थी, मामला संज्ञान में आने पर रेलवे प्रशासन उनका कटिया काट दिया जिससे उनको 17.08.2025 से बिजली कनेक्शन मीटर लगवाना पड़ा। इस तरह चौतरफा आर्थिक नुकसान से युनियन नेता तिलमिलाए हुए हैं एवं प्रशासन के खिलाफ अन्य मुद्दों की आड़ में प्रदर्शन कर रहे हैं।
विद्युत लोको शेड के सुपरवाइजरों का आरोप है कि युनियन नेता अपने अपने सेंक्शन में बिल्कुल कार्य नहीं करते यदि हम सब कार्य करने का दबाव बनाते हैं तो यूनियन के लोग इक्कठा होकर सेक्शन में घुस जाते हैं और बहुत बत्तमीजी से बात करते हैं और ट्रांसफर करवाने की धमकी देकर दबाव बनाते हैं और यह सब शेड का रोज का मामला है। विद्युत लोको शेड कानपुर में लगभग सात सौ कर्मचारी हैं जिसमें से 50-60 दोनों मान्यता प्राप्त युनियन के पदाधिकारी हैं, जो शेड में सिर्फ टाईमपास करते हैं और दिनभर नेतागिरी की बात करते हैं जिससे अन्य कर्मचारियों पर वर्कलोड बढ़ता है। यूनियन के डर से कोई कुछ नहीं बोल पाता। इन सब आरोपों को सुन महामंत्री रूपम पांडेय ने सुपरवाइजरों से कहा कि आप अपने फेडरेशन के लेटर पैड पर मुद्दा उठाईए, हम आपकी पुरी मदद करेंगे।
फिलहाल यह मामला अब नोर्थ सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज संघ और उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के बीच फंस चुका है। इंजिनियर फेडरेशन के साथ हुई बैठक में महामंत्री रुपम पांडेय ने भरोसा दिलाया कि अब प्रत्येक यूनियन नेता को आम कर्मचारी की भांति कार्य करना पड़ेगा और ठेकेदारी और दलाली बंद करनी पड़ेगी नहीं तो चाहे कितना भी बड़ा नेता क्यों ना हो उसके काले कारनामे, भ्रष्टाचार और सुपरवाइजरों पर गुंडागर्दी का समुचित जवाब संवैधानिक तरीके से दिया जाएगा।