समस्त बुंदेलखंड एवं भारतीय सिने जगत के निर्माता निर्देशक और अभिनेताओं ने बधाई दी
मुम्बई । भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गोवा में आयोजित भारत के 56वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के लिए भारतीय पैनोरमा के फीचर फिल्म अनुभाग की जूरी के अध्यक्ष के रूप में निर्माता निर्देशक एवं अभिनेता राजा बुंदेला को नामित किया गया है। आपके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिनेमा के योगदान व लगन, निष्ठा को देखते हुए भारत सरकार ने इफ्फी का जूरी का चेयर पर्सन जैसे महत्वपूर्ण दायित्व को प्रदान किया है ।
राजा बुंदेला को इफ्फी के जूरी अध्यक्ष चुने जाने पर समस्त बुंदेलखंड गौरांवित हुआ है। यह बुंदेलखंड के लिए सिने जगत का सर्वोच्च सम्मान है । भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव गोवा के जूरी के अध्यक्ष के रूप में आपका चयन होने पर समस्त बुंदेलखंड एवं भारतीय सिने जगत के निर्माता निर्देशक और अभिनेताओं ने आपको बधाई दी है ।
गौरतलब है कि IFFI (भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव), 1952 में अपनी स्थापना के बाद से, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है और दुनिया भर से शानदार फिल्मों का आयोजन करता रहा है। महोत्सव में मुख्य रूप से दो खंड अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा और भारतीय पैनोरमा शामिल हैं। भारतीय पैनोरमा, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) का एक प्रमुख घटक है, जिसके अंतर्गत फिल्म कला के प्रचार हेतु सर्वश्रेष्ठ समकालीन भारतीय फिल्मों का चयन किया जाता है।
भारतीय पैनोरमा (फीचर) के लिए सभी योग्य प्रविष्टियों की जूरी स्क्रीनिंग एनएफडीसी ऑडिटोरियम, मुंबई में आयोजित की जा रही है। जूरी स्क्रीनिंग लगभग 40 दिनों तक चलेगी। संभवतः 28 अक्टूबर 2025 तक पूरी हो जाएगी।
राजा बुंदेला का बुंदेलखंड के जमुनिया से मुम्बई का सफर
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में एक गांव है जमुनिया । जमुनिया गांव विस्थापन के दर्द को झेलते हुए आज ग्राम पंचायत के रूप में स्थापित है । जमुनिया बांध के निर्माण के समय अपनी जमीन को दान कर देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के बाद भी इसका लाभ नहीं लेने वाले दीवान रघुनाथ सिंह बुंदेला के यहां निर्माता निर्देशक एवं अभिनेता राजा बुंदेला का जन्म हुआ। राजा बुंदेला बचपन से ही सिनेमा के प्रति समर्पित भाव से कार्य करते रहे । झांसी में आपकी बड़ी बहन निवास करती हैं आपका बचपन सीपरी बाजार में बीता । आप आगे की पढ़ाई के लिए ग्वालियर गए। कला के प्रति रुचि के साथ आप दिल्ली पहुंचे । आपका बिना छात्रवृत्ति श्रेणी में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चयन हुआ। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक अब्राहम अलका जी साहब का सानिध्य आपको प्राप्त हुआ । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप मुंबई आ गए। आप और आपके मित्र सतीश कौशिक ने मुंबई में संघर्ष प्रारंभ किया । आपकी लगन और निष्ठा ने रंग दिखाया और आपको काम मिलना प्रारंभ हुआ ।
राजा बुंदेला ने ‘भगत नरसी मेहता’ फिल्म में भगवान श्रीकृष्ण के किरदार से अभिनय की पारी का श्रीगणेश किया, चिंता मणि सूरदास, लाला हरदौल, परमात्मा, मैं आज़ाद हूँ और ‘विजेता’, ‘मेरा घर मेरे बच्चे’, ‘अंकुश’, ‘ये वो मंजिल तो नहीं’’, ‘स्वर्ग’, ‘शोला और शबनम’, ‘23 मार्च 1931 : शहीद’, ‘डू नोट डिस्टर्ब’, ‘दिल तो दीवाना है’ , परतू जैसी फिल्मों में आपने अभिनय किया। आपने अपने मित्रों के साथ मिलकर “प्रयास” प्रोडक्शन की स्थापना की । सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यास पर आधारित ‘मुझे चाँद चाहिए’ टीवी धारावाहिक तथा ‘प्रथा’ एलेक्स हिन्दुस्तानी, दिल दीवाना है फिल्म का निर्देशन किया है। आप खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, राम महोत्सव ओरछा एवं ओरछा लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक निदेशक हैं।
खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के माध्यम से आपने नवोदित फिल्मकारों को एक नया मार्ग प्रशस्त किया है । आपके कार्यों की सराहना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत में निरंतर हो रही है । खजुराहो अंतरराष्ट्रीय महोत्सव ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान बनाई है । 10 वर्षों तक किसी सिनेमा के भव्य आयोजन का संचालन अपने संस्थापक निदेशक के रूप में किया । खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव का यह 11 वां वर्ष है ।
राजा बुंदेला को बुंदेलखंड से अत्यधिक लगाव है। दशकों तक पृथक बुंदेलखंड की आवाज को बुलन्द करते हुए उन्होंने बुंदेलखंड राज्य निर्माण के आंदोलन को गति देने के लिए बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा की स्थापना की जिसके आप संस्थापक अध्यक्ष हैं और लगातार राज्य की लड़ाई जारी है। (रामकुमार साहू)