दो महीने पहले दोनों घर से भागे थे
झांसी/महोबा। महोबा जिले के चरखारी थाना क्षेत्र के एक गांव में एक किशोरी ने दूसरे धर्म के बॉयफ्रेंड के जेल जाने के बाद आत्महत्या कर ली। वह अपने प्रेमी के साथ दो माह पहले घर से भाग गई थी। भागने के 5 दिन बाद ही पुलिस ने दोनों को बरामद कर युवक को जेल भेज दिया था। इससे युवती अपने परिजनों से नाराज थी। वो पिता से बार-बार यही कहती थी, उसके बिना मर जाऊंगी और उसने 19 सितंबर को घर पर फांसी लगा ली। परिजनों ने फंदे से उतारा तो सांसे चल रही थी। तब परिजन झांसी मेडिकल कॉलेज लाए। यहां इलाज के दौरान आज उसकी मौत हो गई।
मेडिकल कॉलेज में मौजूद मृतका के पिता ने बताया कि मेरी दूसरे नंबर की बेटी को गांव के ही ठेकेदार के बेटे पीर मोहम्मद ने अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। बेटी 12वीं पास कर चुकी थी। 18 जुलाई को वो घर से चरखारी डिग्री कॉलेज में एडमिशन लेने की बात कहकर निकली थी। शाम को घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश की गई, किंतु कहीं पता नहीं चला। बाद में पता चला कि उसे पीर मोहम्मद भगाकर ले गया। तब बेटी की उम्र 18 साल की होने में 3 दिन बाकी थे। 5 दिन बाद पुलिस ने दोनों को बरामद किया। पीर मोहम्मद को जेल भेज दिया और मेरी बेटी को नारी निकेतन भेज दिया।
7 दिन बाद ग्रामीणों के दबाव के कारण बेटी को घर ले आए, किंतु वह पीर मोहम्मद के साथ ही रहने पर अड़ी रही। उसका कहना था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो जान दे दूंगी। बेटी ने पीर मोहम्मद के पिता को फोन भी लगाया था। उनसे बोला था कि मुझे अपने घर ले चलो। लेकिन उसने धर्म अलग होने की बात कहकर अपनाने से मना कर दिया। पिता ने बताया कि 19 सितंबर को मैं और मेरी पत्नी खेत पर गए थे। बेटी घर पर अकेली थी। शाम को छोटी बेटी स्कूल से लौटी तो बड़ी बेटी फंदे पर लटकी थी।
मौके पर पहुंचे ताऊ और दादा ने बेटी को फंदे से नीचे उतारा। तब सांस चल रही थी। तुरंत उसे चरखारी ले गए। वहां से महोबा और फिर महोबा से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। यहां पर इलाज चला, लेकिन एक हफ्ते बाद ही बेटी की मौत हो गई। पिता ने रोते हुए कहा- मेरी बेटी का ब्रेनबॉस किया गया। जिसकी वजह से वो पीर मोहम्मद की ही बात करती थी। फिलहाल इस घटनाक्रम से परिवार में कोहराम मचा है।