• कोचों में उपकरण की जगह फायर एक्सटिंग्यूसिंग बॉल का प्रयोग शुरू
    झांसी। रेल प्रशासन द्वारा कोचों में लगी आग को बुझाने केे लिए अग्निरोधक उपकरण (फायर एक्सटिंग्यूसिंग) के स्थान पर अब ट्रेनों में फायर एक्सटिंग्यूसिंग बॉल का प्रयोग किया जाने लगा है। कोच में निर्धारित से अधिक तापमान पर यह बॉल आटोमेटिक क्रियाशील हो कर आग को बुझा देगी। इस बॉल को अभी चम्बल एक्सप्रेस की पॉवर कार में लगाया गया है।
    गौरतलब है कि ट्रेनों में आग बुझाने के लिए पावर कार अथवा कोचों में अग्निरोधक उपकरण (फायर एक्सटिंग्यूसिंग) लगाए जाते हैं। आग लगने की स्थिति में कर्मचारी द्वारा उपकरण को विशेष प्रकार से चला कर आग बुझाने का काम किया जाता है, किन्तु इस उपकरण का प्रयोग करने में समय अधिक लग जाने से आग बढ़ जाती है। इसके कारण कई बार यह उपकरण अनउपयोगी साबित होते हैं। इसको देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा आग बुझाने के लिए आधुनिक अग्निरोधक उपकरण फायर एक्सटिंग्यूसिंग बॉल का उपयोग शुरू कर दिया गया है। जनसम्पर्क अधिकारी एमके सिंह ने बताया कि अभी फिलहाल फायर एक्सटिंग्यूसिंग बॉल को चम्बल एक्सप्रेस की पावर कार में लगाया गया है। इसके बाद अन्य ट्रेनों में भी लगाया जाएगा।
    उन्होंने बताया कि फायर एक्सटिंग्यूसिंग बॉल निर्धारित तापमान से अधिक होने के बाद स्वत: क्रियाशील हो जाती है। अधिक तापमान का अर्थ आग लगना है। आग के तापमान पर क्रिया शील होने पर बॉल में भरी अमोनियम फास्फेट निकल कर आग लगने वाले स्थान पर ‘वलनशील आक्सीजन को रोक कर आग को बुझाने में मददगार होती है। १.३ किग्रा की बॉल ३ से १० सेकण्ड में क्रियाशील हो जाती है।