- ललित कला संस्थान के विद्यार्थियों की कला प्रदर्शनी को सराहा
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान के बीएफ ए द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने भारत के चंद्रयान अभियान की सफलता को अपनी कलाकृतियों के रूप में उकेर कर वैज्ञानिकों के प्रयासों को जमकर सराहा। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. देवेश निगम व कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. सीबी सिंह ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कलाकृतियों को खूब सराहा। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे अपनी सोच को सकारात्मक और ऊंची रखते हुए सफलता हासिल करें।
ललित कला संस्थान में आयोजित कलाकृतियों की प्रदर्षनी में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. निगम ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कला का संसार बहुत व्यापक है। यदि सभी विद्यार्थी निरंतर अभ्यास करते रहें तो उनकी प्रतिभा में और निखार आएगा। निरंतर अभ्यास के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि कड़े श्रम व अभ्यास के बल पर विद्यार्थी अपना और विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर सकते हैं। कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो सीबी सिंह ने भी संस्थान के विद्यार्थियों की प्रतिभा को खूब सराहा। उन्होंने सुझाव दिय कि विद्यार्थी भविष्य के लिए लक्ष्य तय करें व उसे प्राप्त करने के लिए पूरे मन से मेहनत करें। ऐसे में निश्चित तौर पर सफलता आपका वरण करेगी। इसरो के प्रमुख के सिवन व डा. एपीजे कलाम का उदाहरण देते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि यदि सोच सकारात्मक हो तो बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि खूब सपने देखो और उन्हें पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करो। समय का अधिकतम सदुपयोग करने से ही जीवन सफल होता है। प्रो. सिंह ने कहा कि ज्ञान के दायरे को विस्तार देकर जीवन में सफलता के उच्चतम बिंदुओं तक पहुंचा जा सकता है। श्रम और निरंतर अभ्यास ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के समन्वयक डा. कौशल त्रिपाठी ने चंद्रयान अभियान की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए देश के वैज्ञानिकों के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस अभियान से दुनिया में भारत का मान बढ़ा है। आने वाले दिनों में हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा के बारे में तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां जुटा सकेंगे। चंद्रमा के बारे में हमें तमाम उन तथ्यों की जानकारी मिलेगी जो हमारे लिए रहस्य थे। उन्होंने कहा कि कला कृतियों के माध्यम से हम वैज्ञानिकों के प्रयासों को आम विद्यार्थी और जन सामान्य तक पहुंचा सकते हैं। उपलब्धियों के प्रचार में कला और जनसंचार के विद्यार्थी अहम भूमिका निभा सकते हैं। जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के शिक्षक उमेश शुक्ल व राघवेंद्र दीक्षित ने भी चंद्रयान की सफलता का उल्लेख करते हुुए विद्यार्थियों की कलांकृतियों की सराहना की। शिक्षक द्वय ने उम्मीद जताई कि कला के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा के माध्यम से जनजागरण में अहम भूमिका अदा करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन ललित कला संस्थान की समन्वयक डा. श्वेता पाण्डेय ने किया। अंत में ललित कला संस्थान के डा. अजय कुमार गुप्त ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में ललित कला संस्थान के दिलीप कुमार, जयराम कुटार, आरती वर्मा, कमलेश कुमार आदि कला पारखी उपस्थित रहे। कला संस्थान के विद्यार्थी गजेंद्र सिंह द्वारा चंद्रयान अभियान की रंगोली से उकेरी गयी कलाकृति भी खूब सराही गई।