• व्यस्त सीजन प्रभार की लेवी में छूट दी गयी
    झांसी। सदस्य (यातायात) रेलवे बोर्ड पी.एस. मिश्रा ने उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए माल ढुलाई से सम्बन्धित कई सुविधाओं/उपायों की घोषणा 12 सितम्बर को कर दी है। इसके तहत व्यस्त सीजन प्रभार की लेवी में छूट दी गयी है। इसमें व्यस्त सीजन सेस, जो 1 अक्टूबर से 30 जून तक 15 प्रतिशत लगाया जाता है, को रेलवे बोर्ड के अगले आदेश तक हटा दिया गया है। यह लौह अयस्क और पीओएल को छोड़कर सभी वस्तुओं के लिए लागू होगा। कोयला व कोक और कंटेनर यातायात पहले से ही व्यस्त मौसम के शुल्क से छूट दी गई है।
    मिनी और दो बिंदु रेक पर अनुपूरक शुल्क की छूट के क्रम में मिनी लोड और दो स्टेशनों रेक पर लागू 5 प्रतिशत अनुपूरक शुल्क माफ किए जा रहे हैं। इससे सीमेंट, खाद्यान्न, उर्वरक आदि की लोडिंग को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इससे मध्यम लोडिंग आवश्यकता व एक से अधिक स्टेशनों से लोडिंग करने वाले व्यापारियों को फायदा होगा। कंटेनर ट्रैफिक पर राउंड-ट्रिप चार्जिंग व खाली कंटेनर और फ्लैट वैगनों की आवाजाही पर छूट दी गयी है। इसमें मौजूदा नीति के अनुसार जाने तथा वापसी दोनों तरफ न्यूनतम 50 कि.मी. का चार्ज किया जाता है जो अब पूरी राउण्ड ट्रिप 100 कि.मी. पर चार्ज होगा और पहले के मुकाबले 35 प्रतिशत सस्ता होगा। इससे दादरी, कानपुर, खुर्जा, यमुना ब्रिज आदि आईसीडीएस में लोड करने वाले कंटेनर ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त बन्दरगाहों से लोडेड ट्राफिक में बढ़ोत्तरी हेतु खाली रेक जो बन्दरगाह की तरफ जा रहे हों उनके मालभाड़े में 25 प्रतिशत की छूट दी गई है।
    कंटेनर यातायात के लिए वस्तुओं का बड़े पैमाने पर डी-नोटिफिकेशन – कंटेनर ढुलाई शुल्क नीति के अनुसार, अधिसूचित मदों को कंटेनर क्लास रेट्स पर चार्ज किया जाता है, जो जनरल टैरिफ रेट्स से 15 प्रतिशत कम है। बाकी वस्तुओं पर माल ढुलाई शुल्क दरों पर लगाया जाता है, जो सीसीआर से भी कम है। हाल ही में 90 और वस्तुओं को डी-नोटिफाई किया गया है, जिससे उनकी ढुलाई सीसीआर के बदले एफएके दरों पर होगी। अब, गुड्स टैरिफ में कुल 635 मदों में से केवल 38 मद अधिसूचित / सीसीआर दरों (इनमें से 11 पीओएल मद) हैं।
    माल विपणन पहल- नई संशोधित गुड्स कार रेक का अधिक इंडक्शन और बाय लेवल ऑटो कार वैगन (बीसीएसीबीएम वैगन) के नए डिजाइन की शुरूआत। रोड रेलर में पहले के 3 भार स्लैब के बजाय 4 नए भार स्लैब के साथ अधिक प्रतिस्पर्धी दरों को शामिल किया गया है। पैरेशिबल माल लदान के वजन नियमों में सुधार किया गया है। व्यवसाय और डिजिटलीकरण को बढ़ाने के उपाय – ईटी-आरआर का अखिल भारतीय कार्यान्वयन में रेलवे रसीदों (ईटी-आरआर) के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन की सुविधा को देश भर में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। ईटी-आरआर उपयोगकर्ता के अनुकूल और पेपरलेस लेनदेन प्रणाली है जहां रेलवे रसीद तैयार की जाती है और फ्रेट ऑपरेशन सूचना प्रणाली (एफओआईएस) के माध्यम से ग्राहक को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित की जाती है। ई-आरआर के ई-सरेंडर के माध्यम से माल की डिलीवरी दी जाती है। इससे ग्राहक को रेलवे रेलवे रसीद को गंतव्य स्टेशन पर ले जाने से होने वाली परेशानी से बचाया जाता है। इस सुविधा से रेल ग्राहकों की लेन-देन लागत में कमी आने की उम्मीद है, और अधिक डिजिटलीकरण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
    वजन-संबंधी सुधार- परंपरागत रूप से सभी खुले वैगनों को इलेक्ट्रॉनिक में मोशन वेट ब्रिज (ईआईएमडब्लूवी) में तौला जाता है। हालांकि, रेलवे ने हाल ही में पूर्व-भार बिन प्रणाली (जहां ईआईएमडब्लूवी की मौजूदा प्रणाली के बजाय लोडिंग के दौरान तौल किया जाता है) की अनुमति दी है, इससे लोडिंग टाइम कम होगा तथा वजन भी सटीक होगा। पहले की नीति के अनुसार, यदि वैगनों का दुबारा वजन किया जाता था, तो दो रीडिंग में से उ’च को चार्ज करने या जुर्माना लगाने के लिए अंतिम माना जाता था। अब, नीति में यह कहा गया है कि चार्ज करने के लिए दूसरी तौल को अंतिम माना जाएगा। यह नीति परिवर्तन दूसरी तौल के प्रावधान को सार्थक बनाता है और यह उम्मीद की जाती है कि वजन की सटीकता में ग्राहकों की शिकायत में सार्थक कमी होगी। पेट कोक, मेट कोक, चूनी और डी-ऑइल केक जैसे कम घनत्व वाली वस्तुओं को अनिवार्य वजन से छूट दी गई है। यह ट्रान्सपोर्टेशन समय बचाने और मोबिलिटी बढ़ाने में सहायक होगी।