• प्रस्ताव रेल मंत्री द्वारा पास, अधिसूचना जारी
    झांसी। रेल दुर्घटनाओं में आहत यात्रियों एवं उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए, रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए इलाहाबाद में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) की बेंच खोलने का निर्णय लिया है। इस बाबत रेल मंत्री ने औपचारिक घोषणा मुम्बई में की एवं भारत सरकार के गजट में अधिसूचना भी जारी कर दी गयी।
    गौरतलब है कि लंबे समय से उमरे महाप्रबंधक राजीव चौधरी इस दिशा में प्रयास कर रहे थे। समय-समय पर रेलवे बोर्ड में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। 3 बड़े मंडल और इतना बड़ा रेलवे जोन होने के बावजूद एनसीआर के क्षेत्राधिकार में कोई भी आरसीटी नहीं थी। यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अक्सर लखनऊ, गोरखपुर जाना पड़ता था। उससे भी ज्यादा परेशानी उन गरीब प्रार्थियों को होती थी जो प्रयागराज एवं आस पास के निवासी हैं और उन्हें दूर आरसीटी की यात्रा करनी पड़ती थी।
    दरअसल, आरसीटी के नए बेंच की स्थापना का अधिकार रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के चेयरमैन को होता है, जिनकी संस्तुति पर रेल मंत्रालय अधिसूचना जारी करता है। गत माह एनसीआर के प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक महेंद्र नाथ ओझा ने रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस अहलूवालिया से दिल्ली में भेंट कर आरसीटी के प्रस्ताव पर चर्चा की थी। रेल मंत्रालय के इस फैसले से जिन याचीगणों के परिवाद लखनऊ एवं गोरखपुर में चल रहे थे, उनमें खुशी की लहर दौड़ गयी है।
    इस प्रकार अब संपूर्ण भारत में रेल दावा अधिकरण की यह 20वी बेंच है। नई पीठ मे उत्तर प्रदेश के बांदा, भदोही(संत रविदास नगर), चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, जालौन, जौनपुर झांसी, कन्नौज, कौशांबी, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, प्रतापग?, प्रयागराज(इलाहाबाद), सोनभद्र(राबर्ट्सगंज) एवं वाराणासी जिले शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त उत्तर जोन का प्रशासनिक हेड भी वाइस चेयरमैन(टेक्नीकल), इलाहाबाद ही होगा जिसके अंतर्गत में रेल दावा अधिकरण की इलाहाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली, गोरखपुर एवं लखनऊ बेंचें होंगी।