• जीआरपी सर्विलंस सेल की मेहनत रंग लायी
    झांसी। पुलिस अधीक्षक रेलवे एवं पुलिस उपाधीक्षक रेलवे द्वारा चलाए गए अभियान में लोगों के द्वारा खोए हुए मोबाइल फोनों को झांसी जीआर पी पुलिस ने खोज निकाला। यह मोबाइल फोन शहर ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश तक चल रहे थे। बताया गया है कि इन मोबाइल फोन को सर्विलंस सेल पुलिस ने तलाश कर संबंधितों से संपर्क कर मालिका को लौटा दिया। रविवार को जीआरपी पुलिस उपाधीक्षक राजीव प्रताप सिंह ने लगभग 4 लाख रुपए कीमत के 35 मोबाइल फोन लोगों को वापस कर दिए। मोबाइल फोन मिलने पर सम्बन्धित की खुशी की सीमा नहीं रही और सभी ने खुले दिल से जीआरपी की कार्यप्रणाली की सराहना की।
    दरअसल, लोगों ने अपने मोबाइल सफर या काम के दौरान व आने जाने के दौरान खो दिए। मोबाइल खोने की शिकायत जीआरपी थाने में दर्ज कराई। जीआरपी ने इन सभी मामलों को साइबर सेल के सुपुर्द कर दिया। साइबर सेल की टीम ने मोबाइल फोन के ऑन होते ही उनकी लोकेशन व नंबर पता करते हुए संबंधितों से चर्चा कर वापस लिया। यहां जीआरपी पुलिस ने इन मोबाइल उनके मालिकों के सुपुर्द किया। मोबाइल फोन बरामद करने वाली टीम कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह, संजीव मिश्रा, अनिल कुमार, चरण सिंह, सुमित कुमार, पंकज कुमार, विजय कुमार, हरेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।
    आरपीएफ ने तलाशा लावारिस मोबाइल का मालिक
    रेलवे स्टेशन पर 26 सितम्बर को छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में लावारिस मोबाइल फोन उप निरीक्षक रविन्द्र सिंह राजावत को मिला था। इस फोन की दोनों सिम बंद मिलने पर उसके मालिक से सम्पर्क नहीं हो पाया। इसके बाद जीआरपी झांसी को अवगत कराते हुए सायबर सेल की सहायता से उसके मालिक मो. रिजवान निवासी वीपीओ मालव जिला नूह हरियाणा से सम्पर्क किया गया। उसने बताया कि वह विकलांग है। वह 26 सितम्बर को यमुनानगर से पलवल छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। ट्रैन में उक्त मोबाइल कीमत गुम हो गया था जिसके संबंध में उसने हरियाणा पुलिस में ऑनलाइन गुमशुदगी दर्ज की थी व मोबाइल दुरुपयोग से बचने के लिए उसमें लगी दोनों सिमों को बंद करवा दिया था। उक्त व्यक्ति आज आरपीएफ पोस्ट पर पहुंचा और मोबाइल को हासिल कर आरपीएफ की कार्यप्रणाली की सराहना की।