• उप चुनाव के बाद निकलेगी सपा की साइकिल न्याय यात्रा
  • सरकारें आती-जाती रहती हैं, प्रशासन को निष्पक्ष होना चाहिए
    झांसी। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की दीप शिखा वीरांगना लक्ष्मीबाई की धरा से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का शंखनाद कर संघर्ष का विगुल फूंक दिया। उन्होंने योगी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए बताया कि उप चुनावों के बाद सपा की साइकिल न्याय यात्रा चलेगी। यह यात्रा फेक एनकाउण्टर, उत्पीडऩ, बेरोजगारी, किसान आत्महत्या आदि जनता से जुड़े मुददों को लेकर निकलेगी। समाजवादी अपनी साइकिल का हैंडिल सीधा करेंगे और ललितपुर से न्याय यात्रा शुरु करेंगे। मजदूर, किसान व पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए यह साइकिल यात्रा चलती रहेगी। न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने वह स्वयं ललितपुर पहुंचेंगे।
    दरअसल, पुष्पेन्द्र यादव एनकाउण्टर प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के झांसी दौरे से झांसी से लेकर सूबे की राजधानी तक सियासी गलियारों में हलचल मच गयी है। साहू जागरण डॉट कॉम द्वारा व्यक्त की गयी सम्भावना कि झांसी से प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष का विगुल फूंक सकते हैं अखिलेश सही साबित हुई। बुधवार को पुष्पेन्द्र यादव के परिजनों से मिलने उसके गांव पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश सरकार पर किया हमला आज गुरुवार को एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में तीखा हो गया। उन्होंने प्रदेश में रामराज पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसे नाथूराम राज्य कह डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया पुलिस से सीधा कहते हैं कि ठोक दो। इससे भला वहां जनता सुखी कैसे रह सकती है। उन्होंने पीडि़तों व मीडिया कर्मियों का आह्वान करते हुए सरकार का एनकाउंटर करने की अपील की।
    उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुष्पेंद्र के परिवार के साथ अन्याय हुआ है। क्या प्रदेश सरकार को उसके नेत्रहीन पिता, नव विवाहिता पत्नि, मां व राष्ट्रभक्त भाई की पीड़ा दिखाई नहीं देती। पुष्पेन्द्र का भाई जो इतना राष्ट्रभक्त है कि अपने घर की दीवारों पर भी तिरंगा बनवाए है, उसे भी न्याय नहीं मिल पा रहा है। पुष्पेन्द्र का पूरा परिवार न्याय चाहता है। सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है। पुष्पेन्द्र यादव की हत्या के मामले मेंं शासन से लेकर प्रशासन तक पूरा तंत्र आरेापियों को बचाने के लिए लगा है। समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को जेल जाना ही होगा। इस मामले को न्यायालय में ले जायेगी। समाजवादी सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि प्रशासन का निष्पक्ष होना जरूरी है। जितना निष्पक्ष प्रशासन होगा उतनी छवि सरकार की बनेगी। यहां पूरा का पूरा मामला उल्टा है। प्रदेश सरकार की पुलिस बेलगाम है व अपने मुखिया का जो कहा मान रही है। पूरा प्रदेश तो सच जान ही रहा है, पुलिस के कुछ लोग भी इसे जानते हैं। तेल मालिस से लेकर फेक एनकाउंटर मामलों तक सरकार दोषियों को बचाने में लगी है। पीडि़तों को न्याय नहीं मिल रहा है।
    उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर के स्वामी जी वाले तेल मालिस मामले में पीडि़ता को जेल भेज दिया गया। उन्नाव घटना में भी पीडि़ता को न्याय नहीं मिला, उसका परिवार तबाह हो गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि भला हो सुप्रीम कोर्ट का जो मामला अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने आजम खान का बिना नाम लिए कहा कि सपा के एक सांसद पर रामपुर में बकरी व किताबें चोरी के केस दर्ज हो रहे। लगातार केस दर्ज करते हुए 80 मुकदमें लिखे गए। मऊ जिले में गोली कांड हुआ, सोनभद्र कांड में कई लोगों की जान गई, पुलिस के टॉर्चर से लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सरकारें हमेशा नहीं रहती। उन्होंने तल्खी भरे लहजे में कहा कि हम पर भी टोंटी ले जाने के आरोप लगे थे तो अब हम चिलम ले जाने के आरोप लगाएंगे। जो जनता को दुख देता है जनता उनका हिसाब करती है। यह सब करने से देश, समाज व जनता का बहुत नुकसान हो रहा है। सपा पीडि़तों के साथ खड़ी है। पुष्पेन्द्र मामले में सरकार उन्हें न्याय दिलाने की जिम्मेदारी ले।
    सपा व भाजपा सरकारों की तुलना करते हुए सवाल किया कि आखिर ढाई साल में योगी सरकार ने सिवाय जनता में दहशत भरने के और किया क्या है। सपा सरकार में हुए विकास कार्यों को गिनाते हुए उन्होंने दावा किया कि जो कार्य हमने शुरू किए थे वे वहीं रुके पड़े हैं। ओवर ब्रिज को भी स्टेच्यू बना दिया, सैन्य स्कूल में भी कोई कार्य नहीं हो रहा। सूबे के मुख्यमंत्री ने नई सरकार बनते ही झांसी से दिल्ली का सीधा रास्ता बनाने और मैट्रो चलाने का सपना दिखाया था। लगता है उससे पहले वे झांसी आए ही नहीं थे। आज तक क्या मैट्रो चल सकी है। झांसी की जनता तो महज खिलौनों से खेलने लगती है। क्या जनता को पेय जल संकट के दौरान खाली ट्रेन याद नहीं है। ये लोग झूठ बोलते हैं। सड़कों पर गाय माता बैठी हैं, उनकी चिंता कौन कर रहा है। शौचालय पर बात करना चाहते हैं। भले ही इनके शौचालय में पानी की व्यवस्था न हो। राफेल पर बात नहीं करना चाहते शौचालय पर अटका दिया। उन्होंने कहा कि सपा हर पीडि़त के साथ खड़ी होगी। सपा मुखिया ने पत्रकारों पर मुकदमों के सवाल पर आश्वस्त किया कि ऐसे पत्रकारों को यश भारती से सम्मानित किया जाएगा, हमारा साथ दो और सरकार बनवाओ। अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने तेजस (ट्रेन) चलाई है। लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं। तेजस आई और हम सब भाइयों का आरक्षण लेकर निकल गई। यादव भाई को आरक्षण मिले न मिले हम अपने अन्य भाईयों को तो आरक्षण दिलाकर ही रहेंगे।
    काल डिटेल की जांच हो
    अखिलेश यादव ने कहा कि मृतक पुष्पेन्द्र का मोबाइल पुलिस के पास है और पुलिस ने अभी तक मृतक पुष्पेन्द्र की मौत का समय नहीं बताया और न ही उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पुष्पेन्द्र के मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिये।
    जातिगत राजनीति का बोलवाला
    उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में थानों में जाति पूछकर कार्यवाही की जा रही है, अस्पतालो में जाति पूछकर इलाज किया जा रहा है और जाति पूछकर दवाईयां दी जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सीधे सवाल करते हुये कहा कि इस प्रकार की जातिगत आधार पर जो कार्यवाही की जा रही है क्या यह जातिगत राजनीति नहीं है?
    टका से नीचे रुपया
    उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश विकास की दौड़ में पिछड़ते जा रहे हैं, रूपये का मूल्य गिरता जा रहा है जिससे अर्थ व्यवस्था दिनों दिन खराब होती जा रही है। बंगलादेश की करेंसी टका से भी नीचे रुपया गिर गया है। केन्द्र सरकार पाकिस्तान के नाम पर देश को गुमराह कर रही है। आर्थिक मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है और केन्द्र व प्रदेश की सरकारें राष्ट्रवाद के नाम पर आम जनता को गुमराह कर रही है।
    बैलेट से चुनाव कराने की हिमायत
    अखिलेश ने चुनाव में ईवीएम पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए बताया कि चुनाव से पहले यहां इंजीनियर आए थे व ईवीएम ठीक करके चले गए। वह इंजीनियर कौन थे, पता करो। उन्होंने कहा कि अब जब तक चुनाव बैलेट से नहीं होंगे हम जीत नहीं पास सकते है। कई देशों ने इस ईवीएम को नकार दिया। हमारे देश में इसे उठा लाए हैं, हमें इसका वहिष्कार करना होगा।
    मॉब लिंचिंग नहीं पुलिस लिंचिंग हो रही
    अखिलेश से जब मॉब लिंचिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग नहीं यहां तो पुलिस लिंचिंग हो रही है। पुलिस के तमाम अधिकारियों ने मिलकर एक नौजवान की हत्या कर दी। भला ऐसा भी कहीं होता है, इन्हें समझना चाहिए।
    सरकार के खिलाफ आवाज उठाना जुर्म
    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा सरकार के इशारे पर सीबीआई, इनकम टैक्स व ईडी पार्टियां तोडऩे का काम कर रहे है। जो भी केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा है ये एजेन्सियां उनके खिलाफ कार्यवाही कर रही है। सत्यता उजागर करने पर यह सरकार पत्रकारों को जेल भेज रही है। स्वदेशी का नारा देने वाली केन्द्र की भाजपा सरकार एफडीआई की वकालत कर रही है।
    भाजपा लड़वा कर करती है राज
    उन्होंने भाजपा पर अन्य पार्टियों को आपस में लड़ा कर राज करने का आरोप लगाते हुए बताया कि यह चाल समझ में आ गयी है। मायावती के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब हमें अनुभव मिल गया है, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। समाजवादी अकेले ही उनका सामना करते हुए सरकार उखाड़ फेंकेगे। मुम्बई में सीट बंटवारे पर कांगे्रस द्वारा दिए गए धोखे के सवाल सहित कई सवालों को उन्होंने नजर अंदाज कर दिया।
    झांसी के अन्य मामलों को भी उठाया
    उन्होंने कहा कि झांसी में एक बेटी ऐसी भी है जिसको न्याय पाने के लिए प्रतिदिन अपने बालों का मुंडन कराना पड़ रहा है और ललितपुर में पुलिस के उत्पीडऩ से एक युवक ने आत्महत्या कर ली और उसने सुसाइड नोट छोड़कर गया है जिसमें उल्लेख है कि वह युवक पुलिस उत्पीडऩ से त्रस्त होकर आत्महत्या कर रहा है। प्रेमनगर का साहू परिवार भी पुलिस से उत्पीडि़त है।