–तिलहन एवं वृक्ष जनित तेल कार्यक्रम सेमिनार का समापन
झांसी। बुंदेलखंड साहित्य क्राफ्ट मेला मैदान पर नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन अंतर्गत तिलहन एवं वृक्ष जनित तेल कार्यक्रम सेमिनार के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए संयुक्त कृषि निर्देशक ओपी पांडे ने कहा कि केमिकल मुक्त खेती के लिए स्वयं को आगे आना होगा तभी मृदा का स्वास्थ्य बेहतर हो सकेगा। जीरो बजट खेती के माध्यम से ही किसान की आय दोगुनी हो सकती है। मृदा की जांच उपरांत फसल का चयन और उसके सही प्रबंधन से ही उत्पादकता व उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। पारंपरिक खेती के साथ कृषि विविधीकरण को भी अपनाएं ताकि आपदा का प्रभाव कम पड़ सकें।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र भरारी के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर अतीक अहमद ने जैविक खेती की जानकारी देेते हुए किसानों को वेस्ट डी कंपोजर बनाने की विधि बताते हुए कहा कि बेहद कम लागत से हम अपनी मृदा का स्वाद सुधार सकते हैं। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने किसानों को माउस ट्रैप की जानकारी देते हुए कहा कि यह बाजार में उपलब्ध है इसी अंधेरे स्थान पर रख दें चूहा इससे आकर्षित होगा और चिपक जाएगा। उन्होंने फसल को कीटों से बचाने के लिए हनीट्रैप की जानकारी दी। गेहूं भंडारण के उपाय की जानकारी देते हुए कहा कि बोरियों को धूप में अच्छी तरह सुखा लें तथा दीवार से सटाकर ना रखें बोरियों को ऐसा करने से गेहूं लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा। जिला कृषि अधिकारी केके सिंह ने तिलहन के बीजों में अनुदान तथा बीज केंद्रों पर उपलब्ध बीज और किस्मों की बारे में किसानों को बताया। इस सत्र में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में किसान गुंचीलाल चिरगांव, कुलदीप द्विवेदी व राजेंद्र सिंह यादव ग्राम इमलिया सहित अन्य किसान विजय हुए सभी को उपहार स्वरूप उर्वरक की थैली भेंट की गई। संचालन उप निदेशक कृषि कमल कटिहार ने किया। कार्यक्रम में संयुक्त विकास आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला, डीडीपीपी उमेश कटियार, पीडी डा आरके गौतम, डीडीओ उग्रसेन सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी व किसान उपस्थित रहे।