उत्तर मध्य रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान संरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार के लिए किए कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे

प्रयागराज। सिग्नल और ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) मेंटेनरों के साथ आधुनिक हेवी-ड्यूटी ट्रैक मेंटेनेंस मशीनों के प्रयोग द्वारा  1089 मशीन दिनों तक नियमित रूप से काम करते हुए 766 किमी प्लेन  ट्रैक और 461 नग टर्न आउट के ओवरड्यू ट्रैक अनुरक्षण कार्यों को पूरा किया गयागाज़ियाबाद- मेरठ आर आर टी एस (क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) एनसीआरसी कॉरीडोर  में बाधा बन रहे  “132 केवी डबल सर्किट दादरी-साहिबाबाद ट्रांसमिशन लाइन के स्थानांतरण” का एक बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक निष्पादित

पार्सल ट्रेनों और मालगाड़ियों के माध्यम से परिवहित हो रही सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के साथ ही, उत्तर मध्य रेलवे के बैक-एंड योद्धाओं द्वारा इस लॉकडाउन अवधि में सभी सावधानियों और सामाजिक दूरी आदि के पालन के साथ कई महत्वपूर्ण संरक्षा, अनुरक्षण और परिचालन दक्षता संबंधी कार्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नानुसार हैं:

•           ट्रैक, सिग्नल और ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) मेंटेनरों के साथ-साथ आधुनिक हेवी-ड्यूटी ट्रैक मेंटेनेंस मशीनों द्वारा 1089 मशीन दिनों तक नियमित रूप से काम करते हुए 766 किमी सामान्य ट्रैक और 461  टर्न  आउट का रखरखाव के कार्य को पूरा किया गया है।

•           संरक्षा और राइडिंग कम्फर्ट के लिए ऑसीलेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (ओएमएस) के आवधिक प्रयोग द्वारा  10796 किलोमीटर ट्रैक का परीक्षण किया गया और 26 पीक स्थानों  को ठीक किया गया।

•           ट्रेन परिचालन में संरक्षा सुनिश्चित के लिए यूएसएफडी मशीन के प्रयोग द्वारा 4419 किलोमीटर के ट्रैक और 1336 रेल वेल्ड के अल्ट्रासोनिक दोषों का पता लगाने (यूएसएफडी) का कार्य किया गया है।

•           लंबी वेल्डेड रेल (LWR) की डी-स्ट्रेसिंग जैसी ग्रीष्मकालीन एहतियाती कार्यों, जिनमें भारी मैनपावर का प्रयोग होता है, उसको सामाजिक दूर करने के मानकों को सुनिश्चित करते हुए नई प्रक्रिया के साथ पूरा किया गया है। 120 किलोमीटर लंबी वेल्डेड रेल की डी-स्ट्रेसिंग के कार्य पूरे किए गए हैं।

•           माल गाड़ियों और पार्सल ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 2790 ट्रेनों का विज़ुअल निरीक्षण, तापमान रिकॉर्डिंग आदि का प्रयोग करते हुए रोलिंग इन परीक्षण किया गया।

•           यात्री कोचों को सेवा को तैयार रखने के लिए वाशिंग लाइन में 842 कोचों और आईओएच शेड में 55 कोचों का अनुरक्षण किया गया।

•           संरक्षा युक्त ट्रेन परिचालन के लिए 4000 से अधिक सिग्नल, 15000 से अधिक ट्रैक सर्किट / एक्सल काउंटर और 5000-पॉइंट मशीन का अनुरक्षण सुनिश्चित किया गया ।

•           स्टेशन पर सभी सिग्नलिंग गियर डिज़ाइन लॉजिक के अनुसार काम कर रहे हैं और स्टेशन पैनल ऑपरेशन में किसी भी मानवीय त्रुटि के कारण कोई भी असुरक्षित मूवमेंट ना हो सके इसको सुनिश्चित करने के लिए इंटेग्रिटी टेस्ट किया जाता है।  यह कार्य उत्तर मध्य रेलवे के 20 महत्वपूर्ण स्टेशनों पर किया गया।

•           केबल की विश्वसनीयता सुधार के लिए 20000 किलोमीटर लंबाई के केबल का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

•           न्यूनतम  आवश्यक कर्मचारियों के साथ काम करते हुए भी के बावजूद, लगभग 10000 किलोमीटर ओएचई की फुट पैट्रोलिंग द्वारा जांच की गई और दोषों की पहचान कर आवश्यक सुधार किए गए । इसी प्रकार, टॉवर वैगन द्वारा 2500 किलोमीटर से अधिक विद्युतीकृत खंड की जाँच की गई।

•           आवश्यक माल और पार्सल गाड़ियों को चलाने के लिए बिजली और डीजल इंजनों के 300 से अधिक अनिवार्य अनुरक्षण शेड्यूल को पूरा किया गया।

•           321 सीसीटीवी, 444 सार्वजनिक उदघोषणा प्रणाली, 15 एस्केलेटर, 6 लिफ्ट आदि का  भी इस लॉकडाउन अवधि  में अनुरक्षण किया गया।

•           राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRCTC) के गाज़ियाबाद- मेरठ आर आर टी एस (क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) एनसीआरसी कॉरीडोर  में बाधा बन रहे  132 केवी डबल सर्किट दादरी-साहिबाबाद ट्रांसमिशन लाइन के स्थानांतरण का एक बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण कार्य प्रयागराज मंडल, उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल और  एनसीआरटीसी की टीम के संयुक्त प्रयास से सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस काम को करने के लिए, 132 केवी लाइनों को बंद करने की आवश्यकता थी। सामान्य यातायात के दौरान यह बहुत मुश्किल था क्योंकि साहिबाबाद ट्रैक्शन सबस्टेशन (TSS) सामान्य यातायात के दौरान पूर्णत: लोडेड रहता है और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में महत्वपूर्ण लाइनों को फीड करता है। इसलिए, लॉकडाउन अवधि के दौरान इसकी योजना बनाई गई और दिनांक 02.05.20 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।