। 17 मयी तक विस्तारित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सभी नियमित यात्री ट्रेनों की सेवाएं पूर्णत: स्थगित हैं, लेकिन श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन मात्र संबंधित राज्य सरकारों के प्रस्तावों के अनुरुप किया जा रहा है। 5 मयी तक उत्तर मध्य रेलवे ने 31 थ्रू पासिंग ट्रेन चलाई हैं और 04 टर्मिनेटिंग ट्रेन द्वारा आगरा कैंट और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 4824 यात्रियों को लाया गया है।
श्रमिक विशेष ट्रेनें राज्यों के पूर्व सहमति और पहले ही पहचान किए गए और स्क्रीन किए गए यात्रियों के लिए चल रही हैं और इन ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करने के लिए कोई अन्य तरीका नहीं है। इन ट्रेनो के संबंध में जानकारी प्राप्त करने या इन पर यात्रा के लिए किसी को भी किसी स्टेशन पर नहीं आना चाहिए। ये ट्रेनें पॉइंट टू पॉइंट आधार पर चल रही हैं अत: इन ट्रेनों में किसी भी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चढ़ने या उतरने की अनुमति नहीं है। ट्रेनों में अनधिकृत रूप से चढ़ने और मार्ग में उतरने का कोई भी प्रयास राज्यों और केंद्र सरकार के कानूनों के तहत एक अपराध और दंडनीय है|
वर्तमान लॉकडाउन के दौरान उत्तर मध्य रेलवे ने सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए न्यूनतम आवश्यक कर्मचारियों के साथ काम करने के दृष्टिगत ऑपरेशन एबं अनुरक्षण गतिविधियों में अधिक दक्षता लाने के लिए कई अभिनव विचारों को लागू किया है। कुछ महत्वपूर्ण पहल निम्नवत हैं:
• अपने कार्यबल को नवीनतम ज्ञान और विकास के विषय में अपडेट रखने के दृष्टिगत वेब आधारित सेमिनारों का अब अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है क्योंकि इनके माध्यम से ही सामाजिक दूरी के मानकों का पालन संभव है। लगभग सभी विभाग अब नियमित रूप से वेब-आधारित सेमिनार आयोजित कर रहे हैं और उत्तर मध्य रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा सिग्नलिंग प्रणाली के लिए एकीकृत बिजली आपूर्ति (इंटीग्रेटेड पॉवर स्प्लाई-आईपीएस) के अनुरक्षण विषय पर ऐसे ही एक सेमीनार आयोजित किया गया। आईपीएस सिग्नलिंग प्रणाली का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो बिजली की विफलता की स्थिति में स्टेशन पर सिग्नलिंग उपकरणों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है। मुख्य सिग्नल इंजीनियर, श्री नीरज यादव ने उत्तर मध्य रेलवे में 455 स्टेशनों पर स्थापित आईपीएस प्रणाली के अनुरक्षण के संबंध में एक वेबिनार का आयोजन किया इसमें उत्तर मध्य रेलवे के इन स्टेशनों के आईपीएस के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैंयूफैक्चरर शामिल हुए। उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री अरुण कुमार भी इस संगोष्ठी में शामिल हुए। इस सेमीनार में 219 प्रतिभागियों ने भाग लिया और सेमिनार में आईपीएस की विश्वसनीयता में सुधार के लिए बहुमूल्य जानकारी दी गई।
• टेंडर आमंत्रितऔर निष्पादित करने की प्रक्रिया पहले से ही ऑनलाइन हैं और अब इंडियन रेलवे वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IRWCMS) को भी उत्तर मध्य रेलवे पर लागू कर दिया गया है। इसके तहत ऐग्रीमेंट पर ऑनलाइन हस्ताक्षर करने, कार्य की प्रगति की निगरानी, मापन आदि ऑनलाइन होने से दक्षता, पारदर्शिता और सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक दूरी के मानकों का पालन संभव होगा।
• स्टाफ शिकायत निवारण के लिए उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में वीडियो कॉल / कॉन्फ्रेंस आधारित व्यवस्था और डॉक्टर के साथ ऑनलाइन परामर्श आदि सुविधा आदि को लागू किया गया है। सभी बैठकें पहले से ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही हैं। ऑनलाइन माध्यम से रिफ्रेशर और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं एवं प्रतिभागियों के मूल्यांकन की व्यवस्था भी ऑनलाइन की जा रही है ।
• ई-ऑफिस को तीनों डिवीजनों और मुख्यालय में लागू कर दिया गया है। रेलनेट के बिना ई-ऑफिस का उपयोग करने के लिए अब रेल कर्मचारियों को वीपीएन कनेक्शन प्रदान किया गया है और वे घर से काम करते हुए ई-ऑफिस एप्लिकेशन को चलाने के लिए किसी भी इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग कर सकते हैं।
• एक इलेक्ट्रॉनिक ड्राइंग मेकिंग, एडिटिंग, प्रोसेसिंग और अप्रूवल प्लेटफॉर्म ई-डास सभी रेलों पर लागू किया जा रहा है। इसको पूर्ण रूप से लागू करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक कार्य, प्रशिक्षण और हार्डवेयर की व्यवस्था तेजी से की जा रही है।