प्रयागराज।उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर 08 श्रमिक  विशेष ट्रेनों के माध्यम से  9278 व्यक्तियों को लाया गया। 47 अन्य पासिंग ट्रेनों को भी उत्तर मध्य रेलवे द्वारा  परिचालित किया गया। मात्र 08 घंटे से कम समय में 04 आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को संभालने वाला भारतीय रेलवे का पहला स्टेशन बन गया प्रयागराज जं। कुंभ मेला 2019 के लिए विकसित आधारभूत संरचना और आयोजन का अनुभव  श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के प्रयागराज जंक्शन पर संचालन में आया काम। गौरतलब है कि 17 मई तक लागू तीसरे लॉकडाउन में सभी नियमित यात्री और उपनगरीय ट्रेनें पूरी तरह से स्थगित हैं और केवल राज्य सरकारों की पूर्व सहमति के साथ ही पूर्व निर्धारित स्टेशनों के मध्य, पूर्व चिन्हित प्रवासियों को पहुंचाने के लिए श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। 06 मई तक उत्तर मध्य रेलवे से 47 ट्रेनें पास होंगी और अबतक प्रयागराज जंक्शन, आगरा कैंट और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 08 टर्मिनेट हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लगभग 9278 प्रवासियों को लाया गया है। ।

दिनांक  गाड़ी संकहां सेकहां तकयात्रियों की संख्या
03.05.2000953साबरमतीकानपुर1205
03.05.2000961साबरमतीआगरा कैंट1196
04.05.2009415पालनपुरआगरा कैंट1203
05.05.2000985गोधराकानपुर1220
06.05.2009315सूरतप्रयागराज जं1240
06.05.2009303वीरमगामप्रयागराज जं1264
06.05.2004606लुधियानाप्रयागराज जं750
06.05.2009325सूरतप्रयागराज जं1200
कुल 08 ट्रेन  9278
प्रायगराज में कुल 04 ट्रेन4454

आज दिनांक 6 मई को कुल 04 ट्रेनें – दो सूरत से व एक-एक वीरमगाम और लुधियाना से प्रयागराज जंक्शन पर आईं। इनके माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 4454 व्यक्ति प्रयागराज पहुंचे। श्रमिक विशेष ट्रेनें दिनांक 01 मई से प्रारम्भ हुई हैं और किसी एक दिन में मात्र 08 घंटो में 04 आने वाली ट्रेनों को हैंडल करने वाला प्रयागराज भारतीय रेल का पहला स्टेशन बन गया है। 

बताया गया है कि इसके पीछे कुंभ मेला 2019 के लिए प्रयागराज जंक्शन की आधारभूत संरचना में किया गया उल्लेखनीय सुधार था जिसका उपयोग करते हुए और कुंभ-2019 के दौरान कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुभव के कारण ही प्रयागराज जंक्शन पर 04 टर्मिनेटिंग ट्रेनों की कुशल हैंडलिंग सहजता से करने में सफलता मिली।

कुंभ-2019 के लिए प्रयागराज जंक्शन स्टेशन के सिटी साइड में 3000 व्यक्तियों की क्षमता वाले चार बड़े यात्री आश्रयों  का निर्माण किया गया था और आज प्रवासी यात्रियों की तुलनात्मक रूप से अपेक्षाकृत कम संख्या 600 व्यक्ति प्रति आश्रय तक ही इनका प्रयोग किया गया। इन यात्री आश्रयों में सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए कोविड -19 से संबंधित सभी प्रोटोकॉल को पूरा करने के बाद उनको राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रोडवेज बसों में उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया  गया । इस दौरान सभी 04 यात्री आश्रयों का आने वाले यात्रियों को संभालने के लिए प्रयोग किया गया तथा  प्रति ट्रेन 02 आश्रयों का प्रयोग हुआ। कुम्भ के दौरान प्लेटफ़ॉर्म, कॉनकोर्स, सीसीटीवी आदि के संबंध में किए गए कार्य और विशेष रूप से सबसे बड़े मानव समागम को संभालने से प्राप्त अनुभव इस कार्य के संपादन में उल्लेखनीय रूप से लाभदायक रहा ।