बजट पास कराने में मेयर की कुशल रणनीति का दिखा असर, सदस्यों की सहमति चर्चा में रही

  • नगर निगम मे प्रभारी मार्ग प्रकाश विभाग को नही पता अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की संख्या व नाम
  • महानगर में स्वछता का प्रचार करने के लिए पास हुए 1 साल में 35 लाख रुपए की -कमेटी बनाकर जांच के आदेश
  • -लॉक डाउन में जो सफाई कर्मचारियों के ट्रांसफर हुए वो बड़ी त्रुटि हुई
  • – नगर आयुक्त नगर निगम में सड़क सफाई के लिए मशीन का भुकतान 75 लाख पार्षदो ने उठाए सवाल

झांसी। नगर निगम के लिए मंगलवार शुभ फलदाई रहा। बैठक में मेयर रामतीर्थ सिंघल का मिलजुल कर काम करने की रणनीति का ऐसा जादू चला कि कार्यकारिणी के विरोध के स्वर थोड़ी बहुत न नुकर के साथ जैसी नरमी में बदले गए और न हम सारे न तुम जीते की तर्ज पर दोनों पक्षों की सहमति व संतुष्टि से कार्यकारिणी समिति ने 344 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी और महानगर में थमा विकास का पहिया तेजी से दौड़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया। तीन दिन चली मैराथन बैठक के बाद मंगलवार को परिदृश्य कुछ ऐसा रहा कि जब कयी मुद्दों पर पार्षद मुखर हुए तो महापौर रामतीर्थ सिंघल और नगर आयुक्त ने हस्तक्षेप कर रणनीति के तहत बात संभालते हुए जल्द से जल्द स्थितियों में सुधार करने, गड़बड़ियों पर कमेटी बना कर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सहयोगात्मक रवैये के साथ काम करने का आश्वासन दिया।दरसल, नगर निगम में बीते सप्ताह शुरू हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक तीन दिन तक सवालों वह आरोप प्रत्यारोप में उलझी रही। बीते बुधवार और गुरुवार को बैठक में पार्षदों के सवालों को लेकर बैठक में बजट पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। मंगलवार को फिर से बुलाई गई बैठक में महापौर और नगर आयुक्त ने पूर्व तय रणनीति के तहत मोर्चा संभाला।

नगर निगम में बीते 20 और 21 मई को चली कार्यकरिणी की बैठक में बजट पास नही हो सका था जिसके चलते पाँच दिन बाद 25 मई को बजट पर चर्चा से पूर्व महापौर ने सोशल मीडिया पर निशान साधते हुए कहा कि लगातार तरह तरह के सोशल मीडिया पर ऐसे लोगो के कमेंट्स आए जिनका इस बैठक से कोई लेना देना भी नही है केवल द्वेष की भावना से कमेंटस किए जा रहे हैं में नगर आयुक्त के माध्यम से इन कमेंट्स करने वालो के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग करता हूं कॉमेंट्स में कहा गया अधिकारियों ने ये बैठक स्थगित की लेकिन में बताना चाहता हूं कि महापौर के अधिकार में है कि विपरीत परिस्थिति को देखते हुए महापौर सदन/कार्यकरिणी की बैठक को स्थगित भी कर सकता और बुला भी सकता वही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जो जीरो टालरेंस का मुद्दा है वही हमारा भी है।वही महापौर ने प्रत्येक जेई को आदेश दिए कि वो अपनी दैनिक डायरी बनाए जिससे पता चल सके कि वो कहा फील्ड पर जा रहे और वहा उस दिन कितना कार्य हुआ और दुबारा जाने पर क्या प्रोग्रेस हुई ये में कभी भी जेई की दैनिक डायरी मंगवाकर देख सकता हूं साथ ही अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा आगामी जो भी टेंडर प्रक्रिया या कोई आकलन संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाएगा वो अपने पदनाम और मुहर के साथ ही शाइन करेगे कोई चिड़िया नही उड़ाएगा।वही महापौर ने कहा कि में आज यहाँ झाँसी नगर निगम में हु तो अपने संगठन अपने साथियों की बजह से हूं। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने कुछ अच्छे काम भी किए हैं। झांसी को कचरा मुक्त शहरों में एक स्टार मिला, ये प्रदेश के छह शहरों में शामिल है। उन्होंने कहा कि टेंडर की दरों पर निर्णय सदन के अनुसार होगा, हर इंजीनियर डायरी बना कर काम की स्थिति दर्ज करेगा। उन्होंने कहा कि पहले हाथ से एस्टीमेट बनते थे, लेकिन अब सब कंप्यूटराइज्ड हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ने सेवा के लिए चुना है और इसमें कोई कमी नहीं होगी। इस दौरान महापौर ने अपने राजनीतिक जीवन की उपलब्धियां भी गिनाईं।

संबंधित अधिकारियो पर होगी कठोर कार्यवाही-मनोज कुमार

कार्यकरिणी की बैठक के दौरान सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों में कई ऐसे भी मुद्दे आए जिन पर संबंधित अधिकारियों द्वारा सन्तोषजनक जबाब कार्यकरिणी के समक्ष प्रस्तुत नही किया जा सका जिस पर नगर आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गौशाला, संपत्ति विभाग,मार्ग प्रकाश विभाग से संबंधित सभी प्रश्नों का संज्ञान लिया जा चुका है आगामी 1 माह में सभी प्रश्नों के उत्तर सहित फ़ाइल महापौर के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी और जिस भी संबंधित अधिकारी द्वारा गड़बड़ी की गई होगी उसको मेरे द्वारा बख्शा नही जाएगा उस पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।आगामी 10 जून से पहले नगर निगम में लॉक डाउन के द्वारान हुए तबादले पर भी विचार कर सफाई व्यवस्था सुचारू की जाएगी ये जो भी हुआ गलत हुआ ये बहुत बड़ी त्रुटि है। पार्षदों के सवालों को लेकर नगर आयुक्त ने गौर करते हुए कहा कि जितने काम जनप्रतिनिधियों और उच्चाधिकारियों की संस्तुति के बिना कुटेशन से हुए हैं, उनकी तीन दिन में अपर नगर आयुक्त जांच करेंगे। इस दौरान एक काम के दो वर्क ऑर्डर होने पर जेई के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर मुख्य अभियंता एलएन सिंह को फटकार लगाई। नगर आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गलत होने पर कार्रवाई होगी। अधिकारियों की जवाबदेही तय की है।

जुर्माना की राशि में बढ़ोतरी

कार्यकरिणी की बैठक के द्वारान बताया गया की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्ताव के माध्यम से हमारे नगर निगम को भारतीय सेना से रिटायर कर्नल को रखा गया है वो अपनी टीम के साथ झाँसी में अतिक्रमण मुक्त करेंगे और विगत लगभग 1 माह में उनके द्वारा नगर निगम को उतना जुर्माना बसूल कर दिया गया जितना कि नगर निगम अभी तक नही बसूल सका। बैठक में जुर्माना की राशि में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित किया गया।

कार्यकारिणी सदस्यों के आक्रोश की धार दिखी मोथरी

बैठक में सवालों में कार्यकारिणी के कतिपय सदस्यों के स्वरों वह हनक नहीं दिखाई दी जो पूर्व की बैठक में थी। इसके पीछे बजट पास कराने की मेयर की रणनीति की राजनीति का असर दिखा। र्पार्षद विमल किशोर ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते 20 और 21 मई को भी कार्यकरिणी में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और आज फिर 26 मई को कार्यकरिणी की बैठक बुलाई गई लेकिन अधिकारीगण निरंतर नगर आयुक्त,महापौर और माननीय सदन की अवहेलना कर रहे समय से उपस्थित नही हो रहे और आ भी रहे तो बिना किसी फ़ाइल के जबकि पूर्व में ही 21 मई को कहा गया था सम्बन्धित सवालों के जबाबो को लेकर अधिकारीगण उपस्थित होंगे।वही महापौर पर तंज कसते हुए पार्षद बोले की महापौर जी को सोशल मीडिया के कमेंट्स से ठेस लगी तो उन्हीने खड़े होकर जबाब दिया यहाँ हम पार्षद पिछले ढाई सालो से ठेस को झेल रहे वही महापौर के द्वारा अपनी पार्टी और निजी बाते कार्यकरिणी में नही होनी चाहिए अगर कार्यकरिणी पार्टी और कार्यकर्ताओं में बंट जाएगी तो क्या कार्यकारिणी की बैठक हो पाएगी। पार्षद अरविंद बबलू ने कहा कि अधिकारी सुनते नहीं हैं। उपसभापति राजेश त्रिपाठी ने कुटेशन के कामों को पार्षदों की संस्तुति के बिना करने का मुद्दा उठाया।

जिला जनकल्याण महासमिति के कार्य जांच के घेरे में

झाँसी को स्वच्छ बनाने, शौच मुक्त बनाए जाने और स्वछता के प्रति महानगरवासियो को जागरूक करने के लिए नगर निगम द्वारा झाँसी की एक संस्था जिला जनकल्याण महासमिति को नामित किया किया गया था नगर आयुक्त ने बताया कि जैसा पार्षदजनो द्वारा अवगत कराया गया कि उन्होंने बिना किसी पार्षदजन की उपस्थिति के कार्य किया और एक साल मे लगभग 35 लाख का भुकतान जांच के घेरे में है उनके खिलाफ जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें अधिकारी के अलावा पार्षदजन भी होंगे उनकी की उपस्थित में जांच होगी।

मार्ग प्रकाश विभाग के प्रभारी पर उठे सवाल

कार्यकरिणी की लगातार दो दिन चली बैठक के बाबजूद भी मार्ग प्रकाश विभाग के प्रभारी अगम कटियार द्वारा सन्तोषजनक जबाब न दिए जाने से पार्षद नाराज हुए वही नगर आयुक्त ने कार्यवाही का आश्वाशन दिया जब अगम कटियार से मार्ग प्रकाश विभाग में लगे कर्मचारियों के नाम पूंछे गए तो वो अपने मातहतों के नाम तक नही बता सके।

ये रहे प्रमुख बिंदु

  • 10 जून तक हर वार्ड में नए सिरे से सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
  • सैनेटरी इंस्पेक्टर को पार्षद के घर के सामने से फोटो भेजनी होगी।
  • मार्ग प्रकाश व्यवस्था कर्मचारी की जिम्मेदारी तय होगी।
  • कूड़ा कलेक्शन, आउटसोर्सिंग की एजेंसियों के अनुबंध में सुधार होगा।
  • संपत्तियों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय होगी।
  • प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट अब नगर निगम चलाएगा।
  • टाउन प्लानर के लिए एजेंसी से अनुबंध जल्द होगा।
  • हर वार्ड में पार्षद की संस्तुति पर दो हैंडपंप लगेंगे।

कूड़ा कलेक्शन में लागू होगा इंदौर मॉडल
महानगर में कूड़ा कलेक्शन और उसके परिवहन की स्थिति में सुधार करने के लिए नगर निगम रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) सिस्टम को आधार बनाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम ने इंदौर मॉडल को अपनाने की तैयारी की है। कूड़ा कलेक्शन के लिए नए सिरे से अनुबंध हो रहा है। जिसमें इंदौर मॉडल की तरह आरएफआईडी तकनीकी अपनाई जाएगी। लोग कूड़ा न उठने की जानकारी दे सकेंगे और इसकी निगरानी की जाएगी। साथ ही कंपनी की जवाबदेही तय होगी। दो-तीन जून में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस मौके पर पार्षद विकास खत्री, महेश गौतम, दिनेश सिंह दीपू, इंदु वर्मा, किशोरी रायकवार, बंटी सोनी, प्रदीप नगरिया, सुनील नैनवानी, एसीएम वान्या सिंह, अपर नगर आयुक्त अरुण गुप्त, शादाब असलम, रोहन सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।