स्वास्थ्य मंत्री सुरेश खन्ना ने किया मेडिकल कॉलेज झांसी का निरीक्षण।

झांसी। लगता है जैसे मेडिकल कॉलेज का पर्याय बन चुकी अव्यवस्थायें कभी समाप्त नहीं हो सकती। यही कारण है कि कोरोनावायरस महामारी के लाक डाउन के दौरान मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाएं भाभी हैं। इसका उदाहरण चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सुरेश खन्ना के निरीक्षण के दौरान दिखाई दिया। झांसी मेडिकल कॉलेज में बने कोविड-19 हॉस्पिटल और इमरजेंसी सेवाओं के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मरीजों से चर्चा की। एक व्यक्ति ने मंत्री जी से शिकायत की कि उनके पिता की मौत हो चुकी है मगर मेडिकल कॉलेज स्टाफ उन्हें बॉडी तभी देगा जब कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट आ जाएगी, रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है। उसके पिता की डेड बॉडी तब तक खराब ना हो सके बर्फ पर रख दिया जाए मगर ऐसा नहीं किया जा रहा। यह सुनकर मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों को डांटा और कहा कि रिपोर्ट आने में इतना समय क्यों लग रहा है। उन्होंने व्यवहार में बदलाव लाने की हिदायत दी। इमरजेंसी के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने वहां की सेवाओं और व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जाहिर की।इसके बाद वह रेडियोलॉजी पहुंचे। यहां पर एक मरीज ने उनसे सीटी स्कैन मशीन खराब होने की शिकायत की तो मंत्री अधिकारियों पर भड़क गए। उन्होंने मशीन खराब होने का कारण पूछा और जल्द सुधरवाने के निर्देश दिए। मंत्री से कुछ अन्य मरीजों और तीमारदारों ने भी कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं की शिकायतें कीं। इससे नाराज मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके बाद मंत्री ने सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक स्थित कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज की परिस्थिति को देखते हुए यहां सुधार की काफी आवश्यकता है चाहे वह सीएमएस हो या देखने वाले डॉक्टर उन्होंने कहा कि चाहे नर्स हो या पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों से शालीनता पूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है जिसकी यहां कमी दिखाई पड़ी जिसका बहुत दुख है उन्होंने कहा कि जो कुछ मैंने यहां पाया है हम समीक्षा करके उसका उपचार करेंगे ताकि आगे से भविष्य में ऐसी स्थिति ना हो और जो लोग किसी भी प्रकार की लापरवाही के पात्र पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सर्विस इसके लिए सरकार तत्पर है जिसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है उन्होंने कहा कि को रोना का से तो हम लोगों को बचा रहे हैं इसके अलावा अन्य उपचारों के लिए के लिए आने वाले मरीजों के साथ शालीनता से व्यवहार किया जाना चाहिए इसके अलावा इमरजेंसी में फोल्डिंग बेड और ज्यादा शिद्दत के साथ चिकित्सकों को मरीज के साथ पेश आने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह यहां की अव्यवस्थाओं से वह काफी दुखी हैं। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएग