आयोजन समिति ने कोरोना को देखते हुए जनहित में लिया निर्णय

झांसी। इस वर्ष विजयदशमी पर्व (दशहरा) पर मुक्ता काशी मैैदान में न राम रावण युद्ध होगा और न ही विशाल आतिशबाजी रावण, मेेघनाद, कुंभकरण के पुतलों, न आकर्षक कागजिय सोने की लंका का दहन और न होगा आतिशबाजी का प््र्रदर्शन।

इसके पीछे आयोजन समिति द्वारा लिया गया निर्णय है। अशोक कुमार जैन मुख्य आयोजक व  महेश अग्रवाल रेमंड संयोजक, कोषाध्यक्ष अनूप सहगल ने बताया कि विजयदशमी पर्व (दशहरा) पर मुक्ता काशी मैैदान में विशाल आतिशबाजी के साथ-साथ रावण मेघनाथ कुंभकरण के बारूदी विशाल पुतलों का दहन एवं बहुत ही आकर्षक कागजिय सोने की लंका के प्रदर्शन के साथ-साथ दहन भी या जाता रहा है। इसके अलावा राम रावण की सेनाओं का एक विशाल जुलूस राम मंदिर सिविल लाइन से प्रारंभ होकर दशहरा मैदान पर लाया जाता रहा। जिसमें विशेष आकर्षण का केंद्र भगवान राम के मंदिर का हुआ करता था।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में पूरे देश में करोना वायरस में सारे धार्मिक राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों पर घात किया है। यह सब इन आयोजनों से अत्यधिक आवश्यकता मनुष्य प्राणी की जान माल की सुरक्षा को देखते हुए इस वर्ष विजयदशमी पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद भी अगर प्रशासन बिना शर्त के स्वीकृति प्रदान करता है तो कमेटी इस आयोजन को करने के लिए विचार कर सकती है।