– सरकारी कार्यालयों एवं अनिवार्य रूप से सभी व्यवसायिक संस्थानों में विशाखा कमेटी का गठन हो
झांसी। नगर निगम सभागार में नोडल अधिकारी मिनिस्ती एस महा निरीक्षक स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों कॉर्पोरेट हाउस, एमएसएमई एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के कार्य स्थलों पर महिला उत्पीड़न की रोकथाम, लौगिक समानता एवं महिला कर्मचारी की सुरक्षा विषय पर कार्यशाला/ गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए कहा कि नारी सम्मान और सुरक्षा उसके स्वावलंबन से जुड़ी है। हम घर से नारी का सम्मान करें प्रदर्शन नहीं, आत्मदर्शन करें। विचारों में नहीं अचारण में भी मां, बेटी, पत्नी प्रत्येक का सम्मान व सुरक्षा करें। लड़का-लड़की में कोई भेदभाव नहीं करें दोनों को समान अवसर प्रदान करें, यह पहल घर से करें।
उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चों द्वारा किए जा रहे अपराध, नाबालिग बेटियों पर परिचितों, सगे संबंधियों द्वारा किए जा रहे मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न के प्रभावी नियंत्रण के लिए हमें अन्याय के खिलाफ अपनी बात कहना चाहिए। उनके कष्ट और परेशानी को हमें सुननी चाहिए। यदि अभिभावक बच्चों से 5 मिनट का समय देकर उनकी बात सुनकर उनके इस शोषण के भय को दूर करने के लिए संवेदनशील बनकर उसे सहारा देना चाहिए। उसे अपराध-बोध से मुक्त कराने हेतु मित्र बनकर अभिभावक को मार्गदर्शन और उचित परामर्श देना चाहिए।
मुख्य अतिथि ने व्यक्तिगत संस्मरण सुनाते हुए विशाखा समिति के प्रभावी रूप उत्कृष्ट परिणाम के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि उक्त समिति का गठन समस्त शासकीय कार्यालयों के साथ अनिवार्य रूप में सभी प्रतिष्ठानों में होना चाहिए ताकि नारी को सम्मान और सुरक्षा प्रदान की जा सके। समिति के 5 सदस्यों में तीन महिला होनी चाहिए। एक एनजीओ की प्रशिक्षित महिला हो, समिति कागज पर नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई के साथ क्रियाशील होना चाहिए।
नोडल अधिकारी ने कहा कि नारी यदि आर्थिक रूप से स्वावलंबी है तो उसके पास सम्मान व सुरक्षा है। उन्होंने कार्यशाला में उद्यमियों से नारी स्वालंबन हेतु बेटियों, महिलाओं को कौशल प्रधान प्रशिक्षण देने, महिला कैदियों को सहायता करने तथा सुरक्षा कर्मी के रूप में महिलाओं को प्रशिक्षित किए जाने और महिलाओं को निजी संस्थानों, उद्यम प्रतिष्ठानों, निजी विद्यालयों में सुरक्षा गार्ड के रूप में रोजगार देने की अपील की। उन्होंने समूह की महिलाओं को आर्थिक स्वालंबन बनने हेतु उद्योग परिसर में प्ररेणा केन्टीन खुलवाने की अपील की और कस्तूरबा बालिका विद्यालय में बेटियों को गोद लेने का भी सुझाव दिया।
सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, कॉरपोरेट हाउस, एमएसएमई एसोसिएशन एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य स्थलों पर महिला उत्पीड़न की रोकथाम, लौगिक समानता एवं महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के विषय पर कार्यशाला में अतिथियों व वक्ताओं का स्वागत सुधीर कुमार श्रीवास्तव उपायुक्त उद्योग ने किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में बालिकाओं/ महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में जागरूक किया जाएगा, जो महिलाएं उद्योग, कार्यालयों में कार्यरत हैं उनकी सुरक्षा सम्मान, नियोक्ता के क्या-क्या कार्य करने हैं, जानकारी दी जाएगी।
कार्यशाला में डॉ नेहा मिश्रा असिस्टेंट प्रोफेसर समाजकार्य विभाग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से नारी सशक्तिकरण के विषय में बताया कि नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वालंबन के लिए महिला का आर्थिक व सामाजिक विकास जरूरी है। कार्यस्थल का वातावरण अच्छा व सुरक्षित होगा तो उत्पादन बढ़ेगा। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं पर होने वाले यौन शोषण की जानकारी सहित कानून का इतिहास बताया। उन्होंने विशाखा समिति के गाइडलाइन की बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया कि उत्पीड़न पर सरकार और नियोक्ता की जिम्मेदारी तय की गई है, की जानकारी दी। डॉ नेहा मिश्रा ने यौन उत्पीड़न के अन्य अप्रत्यक्ष रूप की भी जानकारी दी। नियोक्ता के दायित्व सहित विभिन्न समितियों का संचालन, पीड़ित महिला, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया, समझौता व सुधार की जानकारी दी।
महासचिव बुंदेलखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज श्री धीरज खुल्लर ने कहा कि मिल में जहां नारी सम्मान-बनता है वह देश महान। झांसी में औद्योगिक /व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा का संकल्प लिया और उन्हें जो भी सुविधाएं दी जानी है, दी जाएंगी।
अध्यक्ष चेंबर ऑफ स्मॉल एंड माइक्रो इंडस्ट्रीज श्री राजेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कानून ऐसा बने कि अपराधी की माता-पिता की भी जिम्मेदारी तय हो। समाज में सुधार लाएं तभी नारी सम्मान सुरक्षा होगी। संस्कार से ही सदाचार हो।
कार्यशाला में सहायक महाप्रबंधक बीएचईएल डॉक्टर विथिका नोह ने कहा कि हमारी संस्थान महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और स्वालंबन के प्रति प्रतिबद्ध है। उनके विकास और आर्थिक स्वालंबन में सहयोग करती है।
अध्यक्ष प्रगति सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी डॉक्टर आकांक्षा रिछारिया ने कहा कि बालिकाओं के साथ हुए शोषण पर उसे कटघरे में ना डाला जाए। उन्होंने कहा कि शारीरिक शक्ति के साथ मानसिक शक्ति भी जरूरी है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों से महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाए जाने का भी सुझाव दिया।
प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल संजय पटवारी ने महिलाओं के लिए आत्म रक्षा हेतु कैंप आयोजित कराए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि मिशन शक्ति के साथ चलते हुए नए आयाम स्थापित करेंगे। नारी अबला नहीं है उसे सबला बनाना है। जिलाधिकारी श्री आन्द्रा वामसी ने गोष्ठी में आये समस्त उद्यमी/ महिलाओं का सम्मान व अभिवादन किया और महिला-पुरुष को समान समझने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो हम सोचे, बोले और कार्य करें, एक हो तो सारी समस्या का हल निकल जाएगा। महिला के प्रति सम्मान, सुरक्षा करें।
अंत में आभार मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने व्यक्त किया। संचालन शिक्षाविद डॉ नीति शास्त्री ने किया। गोष्ठी में श्री संतोष साहू प्रांतीय अध्यक्ष, सुश्री पिंकी रायकवार, पूनम गौतम मार्शल आर्ट, श्रीमती रूपम अग्रवाल ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए।
इस मौके पर अपर नगर आयुक्त श्री शादाब, अजय पस्तोर पुनीत रावत सहित अन्य उद्यमी उपस्थित रहे।