झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या दो ओमवीर की अदालत ने पति की हत्या के मामले में दोष सिद्घ होने पर मृतक की पत्नी उसके प्रेमी व एक साथी को आजीवन कारावास की सजा व पचास-पचास हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र पांचाल के अनुसार थाना बड़ागांव क्षेत्र के जौहरी बुजुर्ग निवासी हरीसिंह राजपूत ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 11 जनवरी 2016 को उसका पुत्र सतेंद्र अपनी पत्नी सविता के साथ फसल में पानी लगा रहा था और शाम को अपनी पत्नी के साथ खेत पर रूक गया था।

रात में सूचना मिली कि उसके पुत्र के साथ खेत में कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। सूचना मिलते ही वह अपने पुत्र अरविंद व गांववालों के साथ खेत पर पहुंचा। मौके पर जाकर देखा तो सतेंद्र मृत अवस्था में पड़ा था। उसकी पत्नी सविता भी मौके पर थी। इसके बाद शव को घर लेकर आए, जहां देखा तो गले पर चोट के निशान थे। उसे संदेह है कि बहू सविता ने ही अवैध संबंधों के चलते उसके पुत्र की हत्या कराई है। पुलिस ने सविता समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी।

विवेचना दौरान गांव का भूपेंद्र और थाना टहरौली के वेला बसारी गांव निवासी अखिलेश का नाम प्रकाश में आया था। विवेचना के दौरान अक्तूबर 2016 में पुलिस ने पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। न्यायालय ने अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों को विश्वसनीय मानते हुए हत्या में दोषी पाया। दोष सिद्घ होने के बाद अदालत ने सविता, भूपेंद्र व अखिलेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीनों पर पचास-पचास रुपये जुर्माना भी लगाया गया। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। अदालत ने अर्थदंड की राशि में 90 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में मृतक के पिता व दोनों बच्चों को तीस-तीस हजार रुपये देने के भी निर्देश दिए।