झांसी। भाई की हत्या एवं पुत्र पर जानलेवा हमले के आरोप में जिला कारागार में बंद अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में निरस्त कर दिया गया।

्जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार बंगरा निवासी वादिनी श्रीमती ऊषा ने थाना उल्दन में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि ८ नवम्बर २०२० को ६ बजे शाम उसके पति घर के बाहर मौजूद थे कि उसका देवर देवेन्द्र सिंह घोष उर्फ डिब्बन उसके पति से भैसों के पैसों के लेनदेन के सम्बन्ध में विवाद करने लगा । पति द्वारा विवाद करने से मना किया तो देवर ने कुल्हाड़ी से उसके पति सुरेन्द्र घोष के सिर में जान से मारने की नियत से कई वार किए , जिससे उसके पति के सिर में गम्भीर चोटें आयी । शोर पर जब वादिनी व भतीजा प्रिंस घोष बचाने गये तो देवर देवेन्द्र घोष उर्फ डिब्बन द्वारा भतीजे प्रिंस घोष के सिर पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। मुहल्ले के लोगों के आने पर देवेन्द्र घोष कुल्हाड़ी लेकर भाग गया । मुहल्ले के लोगों की मदद से पति व प्रिंस को बंगरा अस्पताल में भर्ती कराया । पति की हालत गम्भीर होने के कारण झांसी रेफर किया गया, जहां दौरान इलाज उनकी मृत्यु हो गयी। उक्त मामले में धारा-३०२, ३०७ भादंसं० के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। जिला कारागार में बंद भाई की हत्या एवं पुत्र पर जानलेवा हमले के आरोपी अभियुक्त देवेन्द्र सिंह घोष उर्फ डिब्बन का जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया।